– डेढ़ किमी लंबी फोरलेन सड़क बनाएगा एनएचएआई
– 700 हेक्टेयर जमीन का जल्द किया जाएगा अधिग्रहण
कानपुर। हवाईजहाज की यात्रा करने से पहले जाम के झाम से जूझने की बात पुरानी होने वाली है। जल्द ही चकेरी एयरपोर्ट को सीधे आउटर रिंग रोड से जोड़ा जाएगा। रिंग रोड से कनेक्टिविटी के बाद शहर के किसी भी कोने से एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए 30-40 मिनट का अधिकतम वक्त लगेगा। फिलहाल, दक्षिणी शहर और पश्चिमी शहर से एयरपोर्ट पहुंचने में दो घंटे का वक्त लगता है। तय मसौदे के मुताबिक, एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) रिंग रोड के पैकेज तीन से कुलगांव मोड़ से एयरपोर्ट रोड तक डेढ़ किमी की फोरलेन सड़क बनाएगा। एनएचएआई ने 30 महीने में परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। आउटर रिंग रोड से एयरपोर्ट को कनेक्ट किए जाने से 10 जिलों के लोगों की सुविधा बढ़ेगी।
वर्ष 2027 तक रिंगरोड से कनेक्ट होगा एयरपोर्ट
गौरतलब है कि, कानपुर के विकास को नए आयाम देने के लिए एनएचएआई शहर की सरहद से बाहर 93.20 किमी की रिंग रोड बना रहा है। चार अलग-अलग पैकेज में रिंग रोड का निर्माण शुरू हो चुका है। पैकेज एक में सचेंडी से महाराजपुर व पैकेज चार में जरकला से पकरी वाया डिफेंस कारिडोर से होते हुए निर्माण जारी है। पैकेज तीन का निर्माण उन्नाव जिले के बदरका से हरबंश उचेती गांव तक होगा। एनएचएआई ने 28 जनवरी को टेंडर लेने वाली उत्तराखंड की कंपनी हिलवेज कंस्ट्रक्शन को वर्कआर्डर जारी कर दिया है। 19 किमी लंबे इस पैकेज का टेंडर फाइनल होने के साथ ही काम शुरू कर दिया गया है। टेंडर के मुताबिक, कुलगांव के पास एयरपोर्ट जाने के लिए डेढ़ किमी सड़क बनाई जाएगी। इस संपर्क मार्ग से रिंग रोड के जरिए शहर के किसी भी कोने से सीधे बेहद कम समय में एयरपोर्ट तक पहुंचना मुमकिन होगा।
मंधना-उन्नाव स्टेट हाईवे से जुड़ेगा रिंग रोड
फिलहाल, एयरपोर्ट पहुंचने के लिए जीटी रोड और वीआईपी रोड होते हुए रामादेवी चौराहे पहुंचने के बाद प्रयागराज हाई-वे पर पांच किलोमीटर सफर के बाद एयरपोर्ट पहुंचना मुमकिन है। उपयुर्क्त सभी रास्तों में ट्रैफिक लोड जबरदस्त होने के कारण एयरपोर्ट पहुंचने में एक से दो घंटे तक लगते हैं, लेकिन रिंग रोड और मंधना-उन्नाव स्टेट हाईवे बनने के बाद एयरपोर्ट आसानी से पहुंचना संभव होगा। ट्रांसगंगा सिटी से उन्नाव-शुक्लागंज होते हुए लखनऊ एक्सप्रेसवे तक 19 किमी तक रिंग रोड का निर्माण अंतिम चरण में पहुंच चुका है। एनएचएआई के इंजीनियरों ने बताया कि टू-बी परियोजना का टेंडर फाइनल हो गया है। इस हिस्से का निर्माण लखनऊ की फर्म अजय प्रकाश को मिला है।
सात सौ हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा
एनएचएआई रिंग रोड के लिए सात सौ हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करेगा। पैकेज टू-ए के लिए जमीन अधिग्रहण करने की कार्यवाही फाइलों से निकल चुकी है। 93.20 किमी लंबा रिंग रोड शहर के बाहर से सभी जनपदों के हाईवे से जोड़ेगा। इसमें केंद्र सरकार 40 अरब 77 करोड़ रुपये का बजट खर्च कर रही है।
कानपुर रिंग रोड का लेखा-जोखा
पैकेज संख्या | स्थान | लंबाई (किमी) | निर्माण लागत (करोड़) | भूमि लागत (करोड़) |
01 | सचेंडी से महाराजपुर | 23.32 | 854.60 | 593.63 |
02ए | चौधरिया से ट्रांसगंगा | 8.76 | 972.93 | 98.54 |
02बी | ट्रांसगंगा से सथारा | 19.11 | 718.13 | 392.46 |
03 | बदरका से हरबंस उचेती | 17.45 | 808.51 | 307.7 |
04 | जरकला से पकरी | 24.55 | 722.93 | 356.25 |
रिंग रोड के दो पैकेजों में 20 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। पैकेज थ्री का वर्क आर्डर जारी होने के साथ ही निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है। एयरपोर्ट को सीधे रिंग रोड से जोड़ने के लिए डेढ़ किमी तक कुलगांव मोड़ से अलग सड़क बनाई जाएगी, जिससे रिंग रोड से एयरपोर्ट पहुंचना आसान हो जाएगा। जून 2027 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य है।
– अमन रोहिल्ला, परियोजना निदेशक, एनएचएआई