गाजियाबाद, (हि.स.)। क्राईम ब्रान्च पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद ने मंगलवार को एनसीआर में चार पहिया वाहनों को चोरी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के 04 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 05 चोरी के चार पहिया वाहन बरामद बरामद किए हैं। गिरोह के बदमाश गाड़ियों की चोरी कर उसके इंजन व चेसिस नम्बर में टैम्परिंग कर फर्जी कागजात तैयार कर बेच देते थे।
डीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में आलम (रिशा कालोनी नई आबादी ग्रीन फील्ड स्कूल के पास बुलन्दशहर मूल पता गांव बझेडा कलां थाना धौलाना जनपद हापुड),फजर (ग्राम पौहली थाना सरधना जनपद मेरठ) ,साजिद खान( उदय मंदिर आसन पुरानी पत्रिका थाना नागौरी गेट जोधपुर) तथा ( समीर पमहावतो की मस्जिद के पास नागौरी गेट रोड थाना सदर कोतवाली जोधपुर) हैं।
पूछताछ में आरोपी फजर व आलम ने पुलिस को बताया कि बताया कि हम लोगों का वाहन चोरी करने व बेचने वालो का एक संगठित गिरोह संचालित करते हैं। गिरोह में हमारे अलावा गुफरान उर्फ भुल्लन, खालिद, नदीम, सोहेल उर्फ शीला, साजिद व समीर सक्रिय सदस्य है । जो दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में लग्जरी गाडियों को उनकी मांग के अनुसार चोरी कर उसके इंजन नम्बर व चेसिस नम्बर में टैम्परिंग करके उसके फर्जी कागजात तैयार करके दूसरे राज्यों में बेच देते हैं। गाड़ी की डिमाण्ड साजिद व समीर हमें बताते हैं फिर हम उस गाड़ी की चोरी करने हेतु कार से ही रैकी करते हैं और जब रैकी करने के बाद गाड़ी को चिन्हित कर लेते हैं। तब मौका देखकर हम गाड़ी चोरी करके कुछ दूर जाने के बाद उसकी नम्बर प्लेट चेन्ज कर देते हैं और जीपीएस चैक करके उसको निकालकर फेक देते हैं। फिर चोरी की गाड़ी को अपने छुपाने के स्थानों पर ले जाकर खड़ी कर देते हैं।
साजिद व समीर एक्सीडेन्टल व टोटल ल़ॉस की गाडियों के इंजन व चेसिस नम्बर हमें भेजते है फिर हम उसके इंजन व चेसिस नम्बर की प्लेट को नई बनाकर सोहेल उर्फ शीला से गाड़ी के इंजन व चेसिस पर भी वही नम्बर टैम्पर करा देते हैं। गाडी तैयार होने के बाद हम उस गाडी को साजिद व समीर को आगे पार्टियों को बेचने के लिए दे देते थे और हमें भी कोई पार्टी मिलती थी तो उसको बेच देते थे। इसमें जो भी फायदा होता था वह हम लोग आपस में बराबर-बराबर बांट लेते थे। हम लोग यह काम 4-5 वर्षों से कर रहे हैं।
आरोपियों ने यह भी बताया कि जब हम गाड़ी चुराने आते थे तो उस समय पहचान छुपाने के लिए अपनी गाड़ी की नम्बर प्लेट बदलकर-बदलकर फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर पहले से तयशुदा स्थान पर इकठ्ठा हो जाते थे और मोबाइलों को फ्लाइट मोड़ पर कर लेते थे। हम लोग आपस में व्हाट्स-एप पर ही मैसेज व कॉल करते थे, आपस में नोर्मल कॉल करने से बचते हैं। आरोपी पूर्व में भी कई बार वाहन चोरी में जेल जा चुके हैं। अभियुक्तों से मिली जानकारी के आधार पर अन्य अभियुक्तों व चोरी की गाड़ियों की खरीद-फरोख्त करने वालों की गिरफ्तारी व बरामदगी हेतु टीम बनाकर कार्यवाही की जा रही है।