लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के कानून एवं व्यवस्था स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने वर्ष 2022 के अपराध के आकड़े जारी कर दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार तथा यूपी पुलिस द्वारा अपराध और अपराधियों के प्रति जो जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी गई है। उसके साथ विभिन्न विभागों के समन्यव से जो प्रयास किए गए हैं उसके सार्थक परिणाम क्राइम इन इंडिया 2022 के द्वारा प्रख्यापित आकड़ों में साफ नजर आ रहे हैं।
अगर हम पूरे आईपीसी अपराध को देखे तो भारतवर्ष का 11.28 प्रतिशत आईपीसी अपराध उत्तर प्रदेश में अपराध गठित हुए है। विभिन्न राज्यों में हमारी रैंकिग 20वें स्थान में है। 19 राज्य ऐसे है, जहां हमसे ज्यादा अपराध गठित हुए हैं। अगर हम अपराध की दरों की बात करें।
उन्होंने कहा कि हत्या की दरों की बात करें तो हमारा स्थान 28वां है। हत्या के प्रयास में 25वां, महिलाओं की छेड़खानी के मामले में 17वां, किडनैपिंग और फिरोती के मामले में 30वां, रेप के मामले में 24वां स्थान है। बलवे में भी 24वां, लूट के मामले में 27वां स्थान है। यह दर्शाती है कि सभी मुख्य अपराधों में पुलिस ने अपराध और अपराधियों पर चौतरफा कार्रवाई करते हुए अच्छे गुड वर्क किए हैं। इसके सुखद परिणाम आये हैं।
महिलाओं के संबंधित अपराध जिसमें शासन की विशेष प्राथमिकता है, उसमें महिलाओं के प्रति जो गठित कुल अपराध है उसमें उत्तर प्रदेश का स्थान 14वां है। महिलाओं के खिलाफ अपराध में सजा के मामले में यूपी पहले स्थान पर है। ये रैंकिग दर्शाती है कि लगातार विभाग के द्वारा अपराध और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। शासन के द्वारा जो अपेक्षित कार्रवाई वो की जा रही है। अपराधियों को सजा दिलाने में भी अन्य विभागों के साथ मिलकर विराम लगाया जा रहा है।