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उमड़ी आस्था, कोई बप्पा के गले लगा तो किसी ने कान में बताई इच्छा

-राप्ती नदी के तट पर श्री गोरक्षघाट के निकट कृतिम तालाब में 73 प्रतिमाओं का विर्सजन

-ढोल नगाड़े और डीजे के साथ नाचते गाते गोरक्षघाट से कृतिम तालाब पर पहुंचे श्रद्धालु

-गोरखपुर नगर निगम और पुलिस प्रशासन की टीमें तैनात, सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी

गोरखपुर (हि.स.)। अनंत चतुर्दशी पर राप्ती नदी तट पर स्थित श्रीगोरक्षघाट के निकट भगवान गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन गुरुवार को जोरों पर रहा। महानगर के लोग सुबह से ही प्रतिमाएं विसर्जन स्थल पर लेकर आते रहे हैं। स्थान स्थान पर श्रद्धालुओं का हुजूम डीजे के साथ थिरकता नजर आ रहा है। विसर्जन से पूर्व कोई बप्पा के गले लग रहा तो कोई काम में अपनी इच्छा बता, उसे पूरा करने की प्रार्थना कर रहा।

गुरुवार की रात 9.30 बजे एसपी सिटी रवि कुमार बिश्नोई भी विसर्जन स्थल पर पहुंचे थे। श्रद्धाभाव से देव प्रतिमाओं का दर्शन करने के साथ कान में फुसफुसा कर उन्होंने भी अपनी मनोकांक्षा व्यक्त की। नगर निगम के अवर अभियंता अवनीश भरती भी अपनी टीम के साथ मौके पर डटे हुए थे। काफी संख्या में महिला और पुरुष पुलिस बल भी मौजूद है। रात 9.30 बजे तक मौके पर 73 प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा चुका था लेकिन प्रतिमाओं के पहुंचने का सिलसिला जारी था। भगवान गणेश को विदा करने के लिए परिवार के सदस्यों संग महिलाए, लड़किया और बच्चे भी पहुंच रहे थे। एनजीटी के दिशा निर्देश के मुताबिक 3.85 लाख रुपये की लागत से 50 मीटर गुणा 40 मीटर में 5 फीट गहरा जेसीबी से खोद कर तालाब बनाया गया है। 19 एचपी के पम्प से तालाब में जरूरत के मुताबिक बार बार चला कर पानी भी भरा जा रहा है। जनसेट लगा कर यहां लाइट का भी इंतजाम है ताकि श्रद्धालुओं का अंधेरा होने पर कोई असुविधा न हो। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने भी मौके का निरीक्षण कर श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखने की हिदायत दी। निगम की टीम में यहां पम्प आपरेटर गोलू, राजेश, बेलदार गुड्डू, कन्हैय्या, मेठ राजेश के अलावा ठेकेदार के कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। यहां साफ सफाई का भी काफी ध्यान रखा जा रहा है।

नदियों के संरक्षण के प्रति बढ़ी जागरूकता

वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत संस्था हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल ने कहा कि नदियों की साफ सफाई के गंगा डाल्फिन के प्रति बढ़ती जागरुकता के कारण श्रद्धालु कृतिम पोखरों में प्रतिमाओं के विसर्जन को प्राथमिकता दे रहे हैं, इसका स्वागत किया जाना चाहिए। श्रद्धालुओं को ऐसी ही जागरूकता दुर्गा पूजा एवं लक्ष्मी पूजन के दौरान भी दिखानी चाहिए।

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