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ईरान पर हमले में इजरायल ने किया सबसे घातक हथियार एफ-35 का इस्तेमाल, जानिए कितना है ये खतरनाक

यरुशलम । ईरान के तेहरान शहर में शनिवार को हुए हमले में इजरायल ने दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार एफ-35 अदिर का इस्तेमाल किया। इजरायली हमला कितना बड़ा था इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि उसने 100 से ज्यादा विमानों का इस्तेमाल किया। इजरायली वायु सेना का एफ-35 अदिर ऐसा हथियार है जिसका मुकाबला दुनिया में नहीं है। इजरायल की खास जरूरतों के लिए तैयार किए गए इस विमान ने इजरायली सेना को महत्वपूर्ण बढ़त दिलाई है। 2018 में मैदान में उतरने के बाद से एफ-35 अदिर ने लगातार अपनी क्षमता को साबित कर रहा है।

अमेरिका ने बनाया है एफ-35
अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन के बनाए एफ-35 की गिनती दुनिया के सबसे खतरनाक स्टील्थ फाइटर जेट में होती है। पांचवीं पीढ़ी के इस विमान को निगरानी से लेकर इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और खुफिया जानकारी तक कई प्रकार के काम के लिए डिजाइन किया गया था। लंबी दूरी तय करने के लिए इजरायल ने इसमें अलग से ईंधन टैंक लगाया है। इजरायल ने 2010 में पहली बार एफ-35 विमान को खरीदा था और तब से इसका उपयोग करना जारी रखा है। लड़ाकू विमान के इजरायली संस्करण को इसकी खास जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया। लॉकहीड मार्टिन का एफ-35 पहले से ही शक्तिशाली है, लेकिन इजरायल के लिए इसमें किया गया अपग्रेड इसे और खतरनाक बनाता है। यह अमेरिका के मूल एफ-35 से भी घातक बन जाता है। यह स्टील्थ फाइटर दुश्मन के रडार से भी बच सकता है।


एफ-35 अदिर माइटी वन एक स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लैस

इजरायल का अदिर माइटी वन एक स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से सुसज्जित है। इसे घरेलू रूप से निर्मित काउंटरमेशर्स और सेंसर, हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले और डेटा इकठ्ठा करने की क्षमताओं से लैस किया गया है। साल 2018 में पहली बार एफ-35 को इजरायली वायु सेना में तैनाती दी गई थी। इजरायल ने 2018 में सीरिया में ईरानी सैन्य ढांचे को निशाना बनाकर किए गए हमले में एफ-35 को शामिल किया और इस तरह यह आक्रामक मिशनों में शामिल करने वाला पहले ऑपरेटर बन गया।

साल 2021 में इजरायल ने अदिर की पहली मुठभेड़ की जानकारी दी थी। इजरायली वायु सेना ने घटना का एक फुटेज जारी किया, जिसमें अदिर फाइटर को ईरान के यूएवी को निशाना बनाते दिखाया गया। यह पहली बार था, जब एफ-35 ने किसी हवाई खतरे को नष्ट किया था। माना जाता है कि यह ईरानी शाहिद 197 ड्रोन था, जो इजरायली हवाई क्षेत्र से दूर था। इसी साल जुलाई में इजराइल ने तेल अवीव पर मिसाइल हमलों के बाद हूतियों के खिलाफ यमन में अभियान चलाया। इन हमलों में हूती के नियंत्रण वाले बंदरगाह शहर होदेइदाह को निशाना बनाया गया। अभियान में उन्नत एफ-35 अदिर जेट ने ऑपरेशन का नेतृत्व किया। इस हमले ने दुनिया भर के विश्लेषकों का ध्यान खींचा, क्योंकि यह इजराइल से 1,700 किलोमीटर दूर किया गया था। इसके साथ ही यमन में इजराइल का पहला सीधा हमला था।

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