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इस चुनाव में भी बसपा नहीं जीत सकी उत्तर प्रदेश में एक भी सीट, जानें- कैसे बिगाड़ा खेल?

लखनऊ (हि.स.)। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह इस चुनाव में भी बसपा उत्तर प्रदेश में एक भी सीट नहीं जीत सकी। वर्ष 2019 के चुनाव में बसपा सपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ी थी और 10 सीटें जीती थी। इस चुनाव में इन 10 सीटों पर भी बसपा को कम वोट मिले। जहां मुस्लिम प्रत्याशी उतारे वहां भी वोटों का संकट रहा। नगीना में बसपा का वोट शेयर घटकर 1.33 फीसदी पर पहुंच गया। श्रावस्ती में भी हाथी हांफता दिखाई दिया। वहीं बाकी सीटों पर बसपा प्रत्याशियों को डेढ़ लाख से अधिक वोट मिले।

बसपा ने वर्ष 2019 का आम चुनाव सपा के साथ गठबंधन में लड़ा था। दोनों दल सूबे की 75 सीटों पर चुनाव लड़े थे। बसपा 38 पर तथा सपा ने 37 सीट पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में बसपा ने सहारनपुर, बिजनौर, नगीना (सु.), अमरोहा, श्रावस्ती, अंबेडकरनगर, जौनपुर, लालगंज (सु.), गाजीपुर और घोसी सीट पर जीत दर्ज की थी। वर्ष 2024 के चुनाव में नगीना सीट पर बसपा का सबसे खराब प्रदर्शन रहा। नगीना में बसपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह को 13,272 (1.33%) वोट ही हासिल हुए और वे अपना काडर वोटबैंक तक अपने पाले में नहीं कर सके। बसपा प्रत्याशी को चौथा स्थान हासिल हुआ।

वर्ष 2019 के चुनाव में बसपा के गिरीश चन्द्र नगीना से जीते थे। गिरीश को 568,378 (56.29%) वोट मिले थे। 2024 में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चन्द्रशेखर ने नगीना पर जीत दर्ज की। चन्द्रशेखर का उत्तर प्रदेश की राजनीति में उभार बसपा के लिए आने वाले समय में खतरे की घंटी माना जा रहा है। चंन्द्रशेखर को 512552 (51.19%) वोट मिले। दूसरे व तीसरे नंबर पर रहे भाजपा के ओम कुमार को 361079 (36.06%) व सपा के मनोज कुमार को 102374 (10.22%) वोट मिले।

श्रावस्ती में बसपा प्रत्याशी हाजी दद्दन खां को 56,251 (5.38%) वोट मिले। वे तीसरे स्थान पर रहे। ये सीट सपा के राम शिरोमणि वर्मा ने जीती। राम शिरोमणि को 511055 (48.83%) वोट मिले। दूसरे स्थान पर रहे भाजपा के साकेत मिश्रा को 434382 (41.51%) वोट हासिल हुए। 2019 के चुनाव में बसपा ने श्रावस्ती में जीत हासिल की थी। उस चुनाव में बसपा के राम शिरोमणि को 441771 (44.3%) वोट मिले थे।

बसपा को इस बार सबसे ज्यादा वोट पार्टी प्रमुख के गृह जिले गौतमबुद्धनगर में मिले। पार्टी प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सोलंकी ने 251,615 वोट हासिल किए। 2019 के चुनाव में इस सीट पर बसपा के सतवीर को 493890 (35.45%) वोट मिले थे। गौतममबुद्धनगर के बाद बांदा के प्रत्याशी मयंक द्विवेदी को 245745 वोट मिले हैं। दो लाख से ज्यादा वोट पाने वालों में लालगंज की प्रत्याशी इंदु चौधरी, घोसी के प्रत्याशी बालकृष्ण चौहान, हाथरस के प्रत्याशी हेमबाबू धनगर, बिजनौर के प्रत्याशी विजेंद्र सिंह शामिल हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसर पिछले चुनाव में जीती नगीना और श्रावस्ती के अलावा बाकी की आठ सीटों पर यदि मुस्लिम वोट बैंक ने बसपा का साथ दिया होता तो नतीजे बदल सकते थे। यही वजह है कि चुनाव में करारी शिकस्त के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुस्लिम प्रत्याशियों पर हार का ठीकरा फोड़ा है। बसपा ने 20 से ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था।

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