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इंतजार खत्म… मुबारक घड़ी आई, अब गूंजेगी शहनाई : चार माह बाद देवोत्थान एकादशी को नींद से जागेंगे भगवान विष्णु


-23 नवम्बर को तुसली-शालिग्राम विवाह के साथ शुरू होगा सहालग

मीरजापुर  (हि.स.)। ऐसे लोग जो मुहूर्त न होने से विवाह नहीं कर पा रहे थे, उनके इंतजार की घड़ी अब समाप्त हो गई है। शादी-ब्याह का नाम सुनकर घर वालों के चेहरों पर मुस्कान बिखर जाती है, क्योंकि ऐसे आयोजनों में खुशियों की बरसात होती है। करीब चार माह बाद एक बार फिर ऐसी ही मुबारक घड़ी आ गई है। 23 नवम्बर को तुलसी-शालिग्राम विवाह उत्सव के बाद मांगलिक कार्याें का शुभारंभ हो जाएगा। शादी-ब्याह का सिलसिला 15 दिसम्बर तक चलेगा।

29 जून से बंद हैं मांगलिक कार्यक्रम

29 जून को श्रीहरिशयनी एकादशी पर श्रीहरि विष्णु अपने शयन कक्ष में चले गए थे। तब से मांगलिक कार्याें के शुभ मुहूर्त का अभाव हो गया था। अब एक बार फिर शादी-ब्याह के लिए मुहूर्ताें का शुभारंभ हो रहा है और चार महीने से चला आ रहा चातुर्मास भी समाप्त हो जाएगा। भगवान विष्णु चीर निद्रा से जाग जाएंगे। जिसे देवोत्थान एकादशी के रूप में माना जाता है। एकादशी को भगवान विष्णु का विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया जाएगा। साथ ही तुलसी-शालिग्राम विवाह उत्सव भी मनाया जाएगा।

आचार्य डॉ रामलाल त्रिपाठी ने बताया कि चातुर्मास में धार्मिक दृष्टि से शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इन चार माह में मुहूर्त का अभाव था, लेकिन एकादशी पर धूमधाम से तुलसी-शालिग्राम का विवाहोत्सव होगा। उसके बाद ही मांगलिक कार्याें की शुरुआत होगी।

16 दिसम्बर को खरमास लगने पर फिर थम जाएंगे वैवाहिक कार्यक्रम

लग्न मुहूर्त के बाद 16 दिसम्बर को भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ खरमास लग जाएगा, फिर वैवाहिक कार्यक्रम थम जाएंगे। 14 जनवरी 2024 को खरमास का समापन होगा, उसके बाद ही वैवाहिक कार्यक्रम शुरू होंगे।

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