प्रयागराज, (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की विभिन्न विभागों में 138 ड्राइवरों की भर्ती 2016 की प्रक्रिया निरस्त करने के परीक्षा नियंत्रक के 16 फरवरी 23 के आदेश की वैधता चुनौती याचिका पर राज्य सरकार व आयोग से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। और रजिस्ट्रार को याचिका में जवाबी दावे प्रतिदावे दाखिल होने के बाद कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि जरूरी हो तो रजिस्ट्रार जवाब दाखिल करने का समय बढ़ा सकते हैं। किंतु यह तीन बार से अधिक नहीं होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने प्रयागराज के तेज बहादुर व 16 अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि आयोग ने 15 जून 16 को ड्राइवर भर्ती निकाली। 12 दिसम्बर 16 से 28 दिसम्बर 16 तक ड्राइविंग टेस्ट हुआ। 35,943 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। परिणाम घोषित न होने पर राज किशोर यादव व 12 अन्य ने याचिका दायर की। जिस पर हाईकोर्ट ने आयोग को छह हफ्ते में निर्णय लेने का निर्देश देते हुए याचिका निस्तारित कर दी।
इस पर आयोग ने एक कमेटी गठित की। कई विभागों ने ड्राइवर भर्ती का अपना अधियाचन शासनादेश का हवाला देकर वापस ले लिया। कमेटी के सुझाव पर भर्ती निरस्त कर दी गई। याचिका में परीक्षा नियंत्रक के आदेश को रद कर साक्षात्कार लेने तथा भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का समादेश जारी करने की मांग की गई है।