Breaking News

आपके भी हैं ऐसे कर्म, तो जानिए शास्त्रों के अनुसार नर्क में क्या होगी आपकी सजा

हिन्दू धर्म शास्त्रों में लिखा है, कि इस ब्रम्हांड में कई लोक हैं जिनमें से एक पृथ्वी लोक है। वहीं इस पृथ्वी में जन्म लेने वाले का अंत तय है। मृत्यु के पश्चात लोग अपने कर्मों के अनुसार दूसरे लोक में जाते हैं। मृत्यु पश्चात स्वर्ग लोक, नरक लोक के गमन की बात बताई जाती है। अच्छे कर्मों को करने वाला धार्मिक व्यक्ति जो हमेशा दान पुण्य, सत्कर्म, परोपकार करते हैं। उनको स्वर्ग की प्राप्ति होती है। वहीं जो अधर्मी, पापी, दुष्ट प्रकृति के लोग होते हैं। उनको यमराज नर्क लोक में भेजते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मनुष्य अपने कर्मों से महान और राक्षस बनता है। न कि ऊंची जाति और धर्म में पैदा होने से। जन्नत और जहन्नुम का जिक्र इस्लाम में भी लिखी हैं। तो आज हम आपको यही बताने वाले हैं, कि कैसे लोग को नर्क में जाने के लिए पात्र होते हैं।

धार्मिक पुस्तकों में पुराण सबसे अहम माने गए हैं। जिनमें गरुड़ पुराण में  मृत्यु और उसके फल का विशेष वर्णन किया गया है।  मनुष्य की मृत्यु के बाद उसके पुत्र को गरुड़ पुराण सुनाया जाता है। जिससे वो अपने पिता के स्वर्ग और नर्क में जाने की कल्पना के साथ आने वाले जीवन में कैसे कार्य करने हैं। इसकी सीख ले लेता है। हम यहां उन सभी नर्कों का जिक्र करने जा रहे हैं। जो नर्क भोगने वालों के लिए बनाए गए हैं।

तमिश्रम नर्क

इस नर्क में उनको भेजा जाता है। जो किसी व्यक्ति से छल कर संपत्ति को हड़प लेते हैं। उनको स्वयं यमराज बंदी बनाकर तमिश्रम  नर्क में डालते हैं। वहां उसे मार मार कर बेहोश कर दिया जाता है।  होश आने पर दोबारा पीटा जाता है। यह सिलसिला अनवरत चलता है, जबतक सजा का समय पूरा नहीं हो जाता।

अंधात्मत्स्त्म नर्क

इस नर्क के भोगी वो होते हैं, जो व्यक्ति शादी के पवित्र रिश्ते की इज़्ज़त नहीं करता। अपनी अर्धांग्नी की मान मर्यादा का ख्याल नहीं रखता। यमदेव उसे अंधात्मत्स्रम नामक नर्क में ले जाते हैं। यहां उन्हें तरह तरह की यातनाएं दी जाती हैं।

रौरवम नर्क

रौरवम नर्क उनके लिए हैं, जो पूरी ज़िन्दगी दूसरों के संसाधनों पर राज करते हैं, स्वार्थी होते हैं अंदर लालच, जलन, द्वेष और ईर्ष्या जैसे भाव होते हैं। ऐसी आत्माओं को नर्क में साँपों से कटवाया जाता है।

कुंभीपाकम नर्क

ये कुंभीपाकम नर्क सबसे भयानक नर्क माना जाता है। जो लोग अपने फायदे के लिए जानवरों की हत्या कर देते हैं। उनको यहाँ पर खौलते हुए तेल में डालकर दोषी आत्माओं को उबाला जाता है।

कलासूत्रम नर्क

कलासूत्रम नर्क में जो लोग दूसरों का अपमान करते हैं,  बड़ों का आदर सत्कार नहीं करते, उन्हें कलासूत्रम नामक नर्क भेजा जाता है। कलासूत्रम में भीषण गर्मी होती है, तापमान सहना मुश्किल होता है। अपमानित करने वाली आत्माओं को अवधि खत्म होने तक यहां रहना पड़ता है।

असितापत्रम नर्क

असितापत्रम नर्क में वो लोग जाते हैं, जो कभी अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा नहीं करते हैं। आलस कूट कूटकर भरा होता है। ऐसी आत्माओं को चाकू से गोद गोद कर छलनी कर दिया जाता है, और तड़पने के लिए छोड़ दिया जाता है।

सुकरमुखम नर्क

हमेशा दूसरों पर अत्याचार करना, दया भाव न होना, इंसान को कभी इंसान न समझना, ऐसे लोगों को मृत्यु के पश्चात सुकरमुखम नर्क में डाला जाता है। यहां इन्हें लाकर कुचल दिया जाता है।

तप्तमूर्ति नर्क

जो लोग लोभी होते हैं, चोरी करते हैं, हीरा, सोना, चांदी चुराते हैं। ऐसे लोग तप्तमूर्ति नर्क में डाले जाते हैं। उनको खड़ा करके आग बरसाई जाती है।

पुयोडकम नर्क

जो मनुष्य स्त्रियों का अपमान करते हैं, धोखा देते हैं, बिना विवाह शारीरिक सम्बन्ध बनाते हैं और छोड़ देते हैं। उन्हें मरने के बाद पुयोडकम नर्क में जाना पड़ता है। पुयोडकम नर्क एक कुंआ है जिसमें ढेर सारी गन्दगी है जैसे मनुष्य का मल, मूत्र आदि।

ललाभक्षम नर्क

जो इंसान पत्नी पर अत्याचार करता है। उन्हें उपयोग की समाग्री समझते हैं, शारीरिक सम्बन्ध बनाते समय अपना वीर्य उनके मुख में डालने के लिए मजबूर करता है, उन्हे  ललाभक्षम नामक नर्क में भेजा जाता है। ललाभक्षम नर्क एक कुंआ है जो वीर्य से भरा हुआ है, पापी आत्माओं की सज़ा की अवधि तक वीर्य से भरे कुएं में रहना पड़ता है।

अविसी नर्क

जो लोग हमेशा झूठ का सहारा लेकर अपना फायदा ढूंढ़ते हैं। झूठ से दूसरों का नुकसान करते हैं। ऐसी आत्माओं को अविसी नामक नर्क में डाला जाता है। यहां ऐसी आत्माओं को ऊंचाई में ले जाकर नीचे फेंका जाता है। ये प्रक्रिया सालों तक चलती है, जबतक सजा की अवधि पूरी न हो जाए।

Check Also

महाकुंभ : संगम की नावों पर हो रही चित्रकारी, देगी श्रद्धालुओं को सुखद अनुभव और संदेश

-प्रयागराज मेला प्राधिकरण चला रहा है सुंदरीकरण अभियान, उत्साहित हैं संगम के नाविक व मल्लाह …