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आजम खान सीतापुर और अब्दुल्ला हरदोई जेल में शिफ्ट किए गए, सपा नेता ने जताई एनकाउन्टर की आशंका

Rampur News : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को अलग अगल जेलों में शिफ्ट कर दिया गया। शासन के आदेश पर रविवार की सुबह आजम खान को रामपुर से सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया। जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को भी हरदोई जेल भेजा गया है। आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा को फिलहाल रामपुर जेल में ही रखने का फैसला किया गया है। आजम खान ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि हमारा एनकाउंटर भी हो सकता है। कुछ भी हो सकता है। बता दें कि बेटे अब्दुल्ला आजम के डबल जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट एमपी एमएलए कोर्ट ने 18 अक्टूबर को 7-7 साल की कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।

आजम ने बीच में बैठने से किया इंकार
कोर्ट के सजा सुनाने के बाद आजम फैमिली को रामपुर जेल में ही रखा गया था। लेकिन शासन ने उन्हें अलग अलग जेलों में रखने का आदेश दिया। उसके बाद रविवार की सुबह करीब पांच बजे कड़ी सुरक्षा में आजम खान को रामपुर जिला जेल से बाहर निकालकर सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया। जबकि उनके छोटे बेटे अब्दुल्ला आजम को हरदोई शिफ्ट किया गया है। जेल से बाहर आने के बाद आजम खान ने कहा, “हमारा एनकाउंटर भी किया जा सकता है।” अब्दुल्ला को पुलिस वैन में ले जाया गया। जबकि आजम खान को पुलिस की गाड़ी में लेकर जाया गया। जब आजम को पुलिस टीम ने गाड़ी में बैठने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि वो बीच में नहीं बैठेंगे। उन्होंने कमर में दर्द का हवाला देकर किनारे बैठने की गुजारिश की।

रद्द हो गई थी अब्दुल्ला की विधायकी
गौरतलब है​ कि फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट का यह केस 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। तब अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उनकी जीत भी हुई थी, लेकिन चुनावी नतीजों के बाद उनके खिलाफ हाईकोर्ट में केस दाखिल कर दिया गया था। उन पर आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला आजम ने चुनावी फार्म में जो उम्र बताई है, असल में उनकी उम्र उतनी नहीं है। आरोप था कि अब्दुल्ला विधायक का चुनाव लड़ने की उम्र का पैमाना पूरा नहीं करते हैं। शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला का डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी 1993 है, जबकि जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर उनका जन्म 30 सितंबर 1990 को बताया गया है। यह मामला हाईकोर्ट पहुंचने के बाद इस पर सुनवाई शुरू हुई थी और अब्दुल्ला की तरफ से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया था। इसके बाद स्वार सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया गया था।

अपने ही बुने जाल में फंस गई आजम फैमिली
अब्दुल्ला आजम पर पहले जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पासपोर्ट हासिल करने और विदेशी दौरे करने के साथ ही सरकारी उद्देश्य के लिए दूसरे प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करने का भी आरोप है। इसके अलावा उन पर जौहर विश्वविद्यालय के लिए भी इसका उपयोग करने का आरोप है। आरोप के मुताबिक, अब्दुल्ला के पास दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र हैं। एक 28 जून 2012 को रामपुर नगर पालिका ने जारी किया गया है, जिसमें रामपुर को अब्दुल्ला के जन्मस्थान के रूप में दिखाया गया है। वहीं, दूसरा जन्म प्रमाण पत्र जनवरी 2015 में जारी किया गया है, जिसमें लखनऊ को उनका जन्मस्थान दिखाया गया है।

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