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आखिर क्यों मनाया जाता है पितृ पक्ष ? यहाँ लीजिये सभी जानकारी

जानिए तिथि और इसका महत्व:-

हिंदू धर्म में श्राद्ध एक कर्म है जो कि प्राचीन काल से किया जा रहा है। इस दौरान लोग अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले।

हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन का अपना एक खास महत्व होता है, उसी प्रकार पितृ पक्ष यानि श्राद्ध भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। हिंदू धर्म में श्राद्ध एक कर्म है जो कि प्राचीन काल से किया जा रहा है। मान्यता है कि जो लोग दुनिया में नहीं है व पितरों की शांति के लिए श्राद्ध कर्म अवश्य किया जाना चाहिए। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वह अपनी आशीर्वाद देते हैं। आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष की तिथि व इसके महत्व के बारे में।

पितृ पक्ष 2023 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। इस साल पूर्णिमा तिथि 29 सितंबर 2023 को शुरू होगी और इसी दिन से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है। जो कि 14 अक्टूबर 2023 को समाप्त होंगे।

पितृ पक्ष का महत्व
हिंदू धर्म में किसी की मृत्यु के बाद उस व्यक्ति का श्राद्ध किया जाता है जो कि बेहद जरूरी होता है। इसलिए पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इस दौरान 15 दिनों तक लोग अपने पितरों तक का श्राद्ध व तर्पण करते हैं। मान्यता है यदि विधि-विधान से पितरों का तर्पण न किया जाए तो उनको मुक्ति प्राप्त नहीं होती। श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। कहा जाता है कि पितृ पक्ष में यमराज पितरों को अपने परिजनों से मिलने के लिए मुक्त कर देते हैं और 15 दिनों तक पितर धरती पर रहते हैं। इस दौरान यदि पितरों का श्राद्ध न किया जाए तो वह नाराज हो जाते हैं।

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