Breaking News

आंकड़े चिंताजनक : भारत में हर घंटे होती हैं 52 सड़क दुर्घटनाएं, जान गंवाने वालों में युवा सबसे ज्यादा

-आंकड़े चिंताजनक, रोड सेफ्टी को लेकर गंभीर कदम उठाने की जरूरत

नई दिल्ली,(ईएमएस)। सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, हर घंटे औसतन 52 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 20 लोग अपनी जान गंवाते हैं। 2022 में देशभर में 4.62 लाख सड़क हादसे हुए, जिनमें 1.68 लाख से ज्यादा लोग मारे गए और 4.44 लाख घायल हुए। इन हादसों में मारे गए 50 फीसदी से ज्यादा लोग 18 से 35 साल की उम्र के थे। यह आंकड़े न केवल चिंताजनक हैं, बल्कि रोड सेफ्टी को लेकर गंभीर कदम उठाने की जरूरत को भी रेखांकित करते हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक 70 फीसदी सड़क हादसों की वजह तेज रफ्तार है। इसके अलावा, नशे में गाड़ी चलाना, रेड लाइट जंप करना, गलत साइड ड्राइविंग और मोबाइल फोन पर बात करना प्रमुख हैं। टूवीलर चालकों और पैदल चलने वालों की दुर्घटनाओं में मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। 2022 में मरने वालों में 44 फीसदी से ज्यादा लोग टूवीलर चालक थे।

भारत के कुल सड़क नेटवर्क का केवल 4.9 फीसदी हिस्सा राष्ट्रीय और राज्य हाइवे का है, लेकिन इन पर 60 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि इन हादसों के पीछे खराब इंफ्रास्ट्रक्चर, शार्प कर्व, क्रैश बैरियर्स और अपर्याप्त रोशनी जैसे कारक जिम्मेदार हैं। ड्रंक ड्राइविंग और स्पीडिंग के मामलों में युवा सबसे ज्यादा शामिल हैं। साइकोलॉजिस्ट का कहना है कि बच्चों में सड़क सुरक्षा के नियमों की आदत बचपन से ही डालनी चाहिए। माता-पिता को यह तय करना चाहिए कि बच्चे हेलमेट पहनें, नशे में गाड़ी न चलाएं और ट्रैफिक नियमों का पालन करें। स्कूल स्तर पर भी सड़क सुरक्षा को रोचक और प्रभावी तरीके से सिखाने की जरूरत है।
एक रिपोर्ट बताती है कि सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामले में भारत सबसे ऊपर है। लगातार बढ़ते हादसों की दर भारत के लिए एक राष्ट्रीय आपातकाल जैसी स्थिति है। इसे रोकने के लिए सरकार, समाज और प्रत्येक नागरिक को मिलकर काम करने की जरूरत है। सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता और कड़े कानून ही इस गंभीर समस्या का समाधान हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क हादसों को कम करने के लिए तीन मुख्य पहलुओं पर ध्यान देने की जरूरत है। ड्राइवर की लापरवाही को रोकने के लिए कड़े कानून लागू करना, सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित और बेहतर बनाना, वाहनों में सुरक्षा उपकरणों जैसे कोलिज़न वॉर्निंग सिस्टम, बेहतर एयरबैग और ब्रेकिंग सिस्टम को अनिवार्य करना। इसके अलावा, दुर्घटना के बाद की स्थिति को संभालने के लिए ट्रॉमा केयर सिस्टम को मजबूत करना जरूरी है।

Check Also

Kundarki Election Result 2024 LIVE : 31 साल बाद टूटेगा कुंदरकी का किला…क्‍या खिलेगा कमल

नई दिल्‍ली : UP bypoll : यूपी की कुंदरकी विधानसभा सीट पर मतगणना जारी है और …