नई दिल्ली (ईएमएस)। खूबसूरत दिखने वाले कोनोकार्पस के पौधे पर गुजरात सरकार ने फौरन पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। खूबसूरत सा दिखने वाला यह पौधा असल में लोगों को बीमार तो बना ही रहा है, पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
गुजरात सरकार ने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि अब न तो रिहायशी और न ही जंगली इलाकों में कोनोकार्पस लगाया जा सकता है। बता दें कि हाल के दिनों मे गुजरात में ग्रीन कवर यानी हरियाली बढ़ाने के लिए न सिर्फ जंगल, बल्कि रिहायशी इलाकों में भी धड़ल्ले से कोनोकार्पस के पौधे लगाए गए थे। कोनोकार्पस मैंग्रोव प्रजाति का पौधा है और ज्यादातर उष्ण-कटिबंधीय इलाकों में पाया जाता है। इसके पौधे 1 से 20 मीटर तक लंबे होते हैं। पत्तियां बेहद नूकीली होती हैं। सर्दी के दिनों में इस पौधे में हल्के सफेद और लाल रंग के फूल आते हैं और बिल्कुल शरीफे जैसे दिखते हैं।
भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में सजावट के तौर पर इस पौधे को लगाया जाता है। गुजरात सरकार के प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट एसके चतुर्वेदी की तरफ से जारी एक सर्कुलर में कोनोकार्पस पर प्रतिबंध लगाने और इसकी ग्रोथ को कंट्रोल करने की बात कही गई है। इस सर्कुलर में कहा गया है, ‘रिसर्च से पता लगा है कि कोनोकार्पस का मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जाड़े के दिनों में कोनोकार्पस में फूल आते हैं और आसपास के इलाकों में फैल जाते हैं’। गुजरात सरकार ने अपने सर्कुलर में इस पौधे की वजह से होने वाली बीमारियों का भी जिक्र किया है। सर्कुलर में कहा है कि कोनोकार्पस के फूल की वजह से सर्दी-जुकाम, अस्थमा और एलर्जी जैसी बीमारियां हो रही हैं। इसके अलावा इसकी पत्तियां जानवरों के लिए भी हानिकारक हैं। जानवरों को भी नुकसान हो सकता है’।सर्कुलर में आगे यह भी बताया गया है कि इस पौधे की जड़ें मिट्टी में बहुत गहरे तक चली जाती हैं और तेजी से फैलती हैं।
इससे टेलीकम्युनिकेशन लाइन, ड्रेनेज सिस्टम और पानी की सप्लाई लाइन को भी खतरा होता है। आपको बता दें कि गुजरात दूसरा ऐसा राज्य है, जिसने कोनोकार्पस को बैन किया है। कुछ वक्त पहले ही तेलंगाना भी इस प्रजाति के पौधों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर चुका है। कोनोकार्पस इकलौता पौधा नहीं है जिसे प्रतिबंधित किया गया है। हाल के दिनों मे दिल्ली में विलायती कीकर और केरल में यूकेलिप्टस पर भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है। बता दें कि कोनोकार्पस एक ऐसा पौधा जिसे सजावट के लिए धड़ल्ले से इस्तेमाल जाता है। सर्दी के दिनों में इस पौधे में फूल आते हैं, जो बेहद खूबसूरत दिखते हैं। लेकिन यही फूल लोगों को बीमार बना रहा है।