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अलर्ट रहना जरूरी : साइबर ठगी का नया पैटर्न, टोपा एप के जरिए ठगे जा रहे व्यापारी

हरदोई,  (हि.स.)। ऑनलाइन ठगी का नया तरीका सामने आया है। इस ठगी के लिए जालसाज प्ले स्टोर पर मौजूद स्पूफ और फेक पेमेंट गेटवे एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं। आधा दर्जन से ज्यादा ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। ठग पहले दुकानदार से सामान खरीदते हैं और फिर ऑनलाइन पेमेंट देने की बात कहते हैं, जिसका सक्सेसफुल का मैसेज भी दुकानदार को दिखाते हैं। परंतु सच्चाई यह होती है कि दुकानदार के खाते पर पेमेंट पहुंचता ही नहीं है।

बंदर पार्क के पास मंसूरी गारमेंट्स पर ऐसा ही वाक्या प्रकाश में आया है। ठगों ने 32 सौ रूपये की खरीदारी करने के बाद मंसूरी गारमेंट्स के खाते में पैसे भेजें। परंतु पैसे नहीं पहुंचे। ठग ऐसे व्यापारियों को अपना शिकार बनाते हैं, जिनकी दुकान में वाइस ट्रांजिक्शन मशीन नहीं रहती। कंजक्शन का झांसा देकर ठगी करके फरार हो जाते हैं। वे ग्राहक बनकर दुकानदार के पास पहुंच रहे हैं। एप की मदद से फर्जी तरीके से व्यापारी के खाते में ऑनलाइन पेमेंट का फर्जी ट्रांजिक्शन दिखा रहे हैं।

एप्लीकेशन से ऐसे होती है ठगी, प्ले स्टोर से एप डाउनलोड कर करते हैं फर्जी पेमेंट

साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि फेक एप्लीकेशन के जरिए आसानी से किसी को भी झांसा दिया जा सकता है। ठग प्ले स्टोर से इस एप्लीकेशन को डाउनलोड कर लेते हैं। इसके बाद दुकान में समान खरीदने के बाद वहां लगे क्यूआर कोड को अपने एप्लीकेशन के जरिए दिखावे के लिए स्कैन करते हैं। इसके बाद अमाउंट लिखकर पे का बटन दबा देते हैं।

स्क्रीन पर पेमेंट डिलेवरी स्टेटस डिस्प्ले होने लगता है। स्क्रीन पर ग्रीन रंग का निशान दिखाई देता है। इससे पता चलता है कि पैसा व्यापारी के खाते में जमा हो गया है। ठग व्यापारी को भी स्टेटस रिपोर्ट दिखाकर झांसा दे देते हैं। व्यापारी अपने व्यवसाय में व्यस्त रहने के कारण मोबाइल चेक नहीं कर पाता। इसका फायदा उठाकर ठग जालसाजी करने में सफल हो जाते हैं।

व्यापारी अगर पेमेंट को लेकर पूछताछ करता है तो ठग सर्वर में प्रॉब्लम होने का झांसा देकर पेमेंट बाद में मिल जाने का बात कहकर रफू चक्कर हो जाते हैं। इसके बाद पुलिस लगातार ऐसे लोगों की तलाश करते रहती है।

कई एप हैं उपलब्ध

साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक प्ले स्टोर में ऐसे कई एप्लीकेशन मौजूद हैं, जिनके जरिए फेक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। इनके जरिए पेमेंट डिलीवर करने का झांसा देकर ठगी हो रही है। जिस तरह से डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, आधार कार्ड और पेन कार्ड के फर्जी एप्लीकेशन प्ले स्टोर में उपलब्ध हैं। उसी तरह स्पूफ कॉलिंग और पेमेंट के लिए एप्लीकेशन मौजूद हैं। इस पर नियमित रूप से युवाओं की नजर है। वे इन एप के बारे में लगातार जानकारी भी लेते हैं।

अलर्ट रहना जरूरी

ठगी से बचने के लिए दुकान में वाइस ट्रांजेक्शन मशीन रखा जा सकता है। इसके साथ ऑनलाइन लेनदेन के बाद तुरंत मैसेज चेक करना चाहिए। वाइस ट्रांजेक्शन मशीन लेनदेन के बाद मैसेज की जानकारी देती है। इससे पता चल जाता है कि व्यापारी के खाते में पैसे जमा हो गया है। इसी तरह कोई भी ग्राहक अगर पेमेंट गेटवे के जरिए पैसा ट्रांसफर करता है तो मैसेज चेक कर लेना चाहिए। ग्राहक का डिटेल भी जरूर रखें। ताकि आप ठगी का शिकार न हों।

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