नई दिल्ली । देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। इस प्रचंड गर्मी में कई लोगों की जान चली गई है। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर सहित पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में बारिश के होने से मौसम ने अचानक से करवट ली। लेकिन अब चिलचिलाती गर्मी के बीच राहत की फुहार लेकर एक खबर आई है। दक्षिण पश्चिम मानसून ने गुरुवार को पूर्वानुमान से एक दिन पहले ही केरल और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में दस्तक दे दी।
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि चक्रवात ने मानसून के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया, जो पूर्वोत्तर में समय से पहले मानसून के दस्तक देने का एक कारण हो सकता है। चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट से टकराया था। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा, दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में दस्तक दे चुका है और गुरुवार को पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों की ओर बढ़ गया है।
31 मई को दस्तक देने का था अनुमान
इसके पहले 15 को मौसम विभाग ने मानसून के 31 मई को केरल में दस्तक देने की घोषणा की थी। केरल में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप मई में अतिरिक्त बारिश दर्ज की गई है। केरल में मानसून के आगमन की सामान्य तिथि एक जून और अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर व असम में मानसून के दस्तक देने की तिथि 5 जून है।
आईएमडी के ताजा अपडेट के मुताबिक, 24 घंटों में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, सिक्किम और पूर्वोत्तर में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, छत्तीसगढ़, ओडिशा, कर्नाटक के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु और गोवा में हल्की बारिश का अनुमान है। इसके अलावा, राजस्थान के लोगों को भी बारिश के होने से भीषण गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है।
दिल्ली में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आईएमडी ने दिन में हल्की बारिश होने और धूल भरी आंधी चलने का अनुमान भी जताया है।
केरल के साथ पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून की दस्तक
प्रचंड गर्मी के बीच मॉनसून का इंतजार कर रहे लोगों के अच्छी खबर है। समय से पहले ही मॉनसून ने केरल में दस्तक दे दी है। खास बात है कि इस बार मौसम का दुर्लभ नजारा देखने को मिलेगा है, क्योंकि बताया जा रहा है कि मॉनसून केरल और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में एक साथ प्रवेश करेगा है।
खास बात है कि आमतौर पर केरल में मॉनसून 1 जून तक पहुंचता है। जबकि, 5 जून तक इसका प्रवेश पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में होता है। कहा जा रहा है कि इस बार दोनों क्षेत्रों में एक साथ मॉनसून आने की वजह बीते सप्ताह बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात रेमल हो सकता है।