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अरे भाई ये गैस, दर्द की दवा नहीं………….खड़िया मिट्टी

कानपुर (ईएमएस)। जरा सोचिए जिन दवाओं को आप ये सोचकर खा रहे हैं कि ये हमारी बीमारी का इलाज कर देंगी, लेकिन अगर वे दवाई.. दवाई ही न हों, तब सोचिए क्‍या होगा? दरअसल, जिन दवा गोलियों को आप खा रहे हैं, वे दवाई नहीं, बल्कि खड़िया मिट्टी है। इसमें गैस, दर्द और एजर्ली से जुड़ी कई अहम टैबलेट के नाम शामिल हैं।

दरअसल, कानपुर में नकली दवाओं का बड़ा खुलासा हुआ है। ड्रग विभाग की जांच में सामने आया है कि कुछ दवाओं में खड़िया मिट्टी मिली हुई थी। यह खुलासा थोक दवा व्यापारियों, मेडी लाइफ और निगम ड्रग स्टोर की जांच के दौरान हुआ। खासतौर पर गैस की दवाएं जैसे काइमोरल फोर्ट और एसिलॉक आरडी टैबलेट नकली मिली। इन दवाओं में आवश्यक सॉल्ट के बजाय खड़िया मिट्टी पाई गई, जो मरीजों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने दवा बाजार में छापा मारा और मेडी लाइफ एजेंसी के मालिक रिजुल गुप्ता और निगम ड्रग्स के मालिक ज्ञानवीर निगम से सैंपल लिए। मेडी लाइफ से तीन और निगम ड्रग्स से 18 सैंपल लिएस गए। जिनमें से कुछ सैंपल नकली मिले। मेडी लाइफ से लिए गए सैंपल में काइमोरल फोर्ट पूरी तरह से नकली निकली, जिसमें खड़िया मिट्टी भरी हुई थी। इसके अलावा जीरोडोल एसपी और मॉन्टेयर-एलसी के सैंपल सब-स्टैंडर्ड यानी मानक से बेहद घटिया मिले। इसमें दवा की मात्रा 100 की जगह सिर्फ सात फीसदी थी।

ड्रग विभाग ने नकली दवाएं बेचने वाले व्यापारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जा रहा है। विभाग का कहना है कि जल्द ही इन पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। विभाग अन्य दवा दुकानों से भी सैंपल लेकर जांच कर रहा है, ताकि यह पता लग सके कि किन जगहों पर नकली दवाओं का कारोबार चल रहा है। इस मामले में पुलिस ने भी सक्रियता दिखाई है। पुलिस इस पूरे सिंडिकेट की जांच कर रही है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस नकली दवा कारोबार के पीछे कौन लोग हैं और यह कितने बड़े पैमाने पर फैला हुआ है।

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