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अयोध्या : राम पथ का 52 प्रतिशत काम पूरा, जानिए क्या है तैयारी

अयोध्या (हि.स.)। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने शुक्रवार को बताया कि अयोध्या धाम में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसी के साथ ही यहां पर श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि होने के दृष्टिगत विभिन्न प्रमुख मार्गों को चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य भी युद्वस्तर पर चल रहा है।

इसी के क्रम में राम पथ (सहादतगंज से नयाघाट 12.940 किमी0) का भौतिक प्रगति 51 प्रतिशत है। इसमें इलेक्ट्रिकल डक्ट 24.2 किमी0, सीवर लाइन 6.62 किमी0, स्टार्म वाटर ड्रेन 12.86 किमी0 तथा वाटर पाइन लाइन का 4.98 किमी0 कार्य पूर्ण हो गया है। इसी के साथ ही मार्ग चौड़ीकरण हेतु जी0एस0बी0 का कार्य भी 2.80 किमी0 पूर्ण हो चुका है। कार्यदाई संस्था को पर्याप्त मानव संसाधन के साथ तेजी से कार्य करने के निर्देश दिये गये है।

उन्होंने बताया कि भक्ति पथ (श्रृंगार हाट से हनुमानगढ़ी होते हुये श्रीराम जन्मभूमि मार्ग तक) के भूमि अधिग्रहण, ध्वस्तीकरण एवं सीवर का 100 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। यूटिलिटी डक्ट का 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण है। ड्रेन का 84 प्रतिशत कार्य पूर्ण है तथा वाटर पाइन लाइन का 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण है, शेष कार्यों को तीव्र गति से किया जा रहा है। जन्मभूमि पथ (सुग्रीव किला से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक) पर मिट्टी, सीवर लाइन, वाटर पाइप, यूटिलिटी डक्ट, ड्रेन, जीएसबी-डब्लूएमएम, एम-15 कंक्रीट व डी0वी0एम0 कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। साथ ही स्ट्रीट लाइट का 95 प्रतिशत, आगरा रेड स्टोन का 94 प्रतिशत तथा पब्लिक यूटीलिटी तथा स्ट्रीट फर्नीचर का 27 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष कार्य भी तेजी से प्रगति पर है।

जिलाधिकारी ने बताया कि 14 कोसी एवं पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य भी प्रगति पर है। पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के विकास हेतु 160 रजिस्ट्री के सापेक्ष 146 रजिस्ट्री का कार्य पूर्ण है तथा 5057 आर0एण्ड0आर0 पूर्ण है। इसी के साथ ही शेष भूमि के अर्जन एवं ध्वस्तीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण हेतु 826 रजिस्ट्री के सापेक्ष 700 से अधिक रजिस्ट्रियां भवन-भूस्वामियों से समन्वय स्थापित कर पूर्ण कर ली गयी है। शेष भूमि के अर्जन का कार्य प्रगति पर है तथा अर्जित की गयी भूमि-भवन के ध्वस्तीकरण का कार्य भवन-भूस्वामियों से समन्वय कर तेजी से किया जा रहा है।

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