– प्राण प्रतिष्ठा की पूजा के लिए काशी से वैदिक आचार्यों का एक दल रामनगरी पहुंचा
अयोध्या, (हि.स.)। श्रीराम जन्मभूमि के नवीन श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान कार्य के लिए मंदिर के ईशान कोण में स्थल तैयार करने का काम शुरू हो गया है। शुक्रवार को काशी के मुख्य यज्ञाचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के वैदिक आचार्यों का एक दल रामनगरी पहुंच गया है।
सबसे पहले होगा आराध्य देवी मां सरयू का पूजन
अनुष्ठान कार्य में लगे वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित के पुत्र अरुण दीक्षित ने बताया शुक्रवार को हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि अनुष्ठान के लिए पूरे देश के अलग-अलग धार्मिक स्थलों से जुड़े 121 वैदिक आचार्य को चयनित किया गया है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए सबसे पहले आराध्य देवी मां सरयू का पूजन किया जाएगा। पिछले तीन दिन से परिसर में अनुष्ठान के लिए विभिन्न आकार के नव हवन कुंडों को तैयार करने का कार्य किया जा रहा है।
प्रायश्चित पूजन से होगी अनुष्ठान की शुरुआत
प्राण प्रतिष्ठा पूजन की शुरुआत 16 जनवरी को प्रायश्चित पूजन से होगी। पूरे आयोजन के लिए 9 हवन कुंड को तैयार किया जा रहा है। हवन कुंड निर्माण के लिए ईंट, बालू, मिट्टी, गोबर, पंचगव्य और सीमेंट आदि जैसी सामग्रियों लगाया जा रहा है। पूजन के लिए पांच वेदियां बनाई जा रही है। पद्मिनी वेदी में भगवान की प्रतिमा के साथ पूजन के संस्कार होंगे। इस वेदी में विराजमान रामलला की मूर्ति ही रखी जाएगी। 200 कलश तांबे के पवित्र नदियों के जल के साथ प्रभु राम का अभिषेक होगा।