रेलवे के हर साल गुटखे के दाग साफ करने पर होते हैं 1200 करोड़ खर्च
नई दिल्ली । स्वच्छ भारत अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार के बावजूद कुछ लोगों में सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत में बदलाव लाना कठिन साबित हो रहा है। लोग शायद यह नहीं समझते कि इससे कितना नुकसान होता है। एक अनुमान के मुताबिक भारतीय रेलवे हर साल पान-गुटखा के दाग साफ करने के लिए करीब 12,000 करोड़ रुपए खर्च करता है।
अब रेलवे इससे निपटने के लिए नया प्लान लेकर आई है, जिससे खर्च में कमी आएगी। हालांकि, रेलवे इस समस्या से निपटने के लिए एक नया समाधान लेकर आया है। योजना के तहत स्टेशन परिसर में स्पिटर कियोस्क लगाए जाएंगे, जिन्हें आम जनता उपयोग कर सकेगी। रेलवे देश भर के 42 स्टेशनों में ऐसे कियोस्क लगाने जा रहा है। इन कियोस्क में थूकने के लिए स्पिटून पाउच उपलब्ध होंगे, जिनकी कीमत 5 से 10 रुपए के बीच होगी। रेलवे को उम्मीद है कि लोग इन स्पिटून का उपयोग करेंगे, जिससे दाग साफ करने के खर्च में कमी आएगी।