जिले में इस साल समान्य से करीब 63 प्रतिशत कम बारिश होने से खरीफ फसल यथा धान,मक्का व अरहर समेत अन्य फसलो पर व्यापक असर होता दिख रहा है।
किसानो में मायूसी व्याप्त है।ऐसे में जिले के परसौनी स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक कुमारी सुनीता ने सलाह देते हुए बताया है,कि किसान भाई अगस्त माह में गोभी,गाजर पालक,मूली व धनिया आदि सब्जी की अगैती खेती कर खरीफ फसलो के नुकसान की भरपायी कर सकते है।
अगर इन फसलो का बेहतर तरीके खेती की जाय तो बंपर लाभ मिल सकता है।क्योकी इस माह के तापमान में हल्की सिंचाई से ही इन सब्जियों की बीज जल्दी अंकुरित होते हैं।साथ ही इनमें बढ़वार भी तेजी से होती है।
-कैसे करे गाजर की खेती
गाजर की खेती के लिए भूमी को अच्छी तरह समतल और 2 से 3 फीट गहरी जुताई होनी चाहिए।मिट्टी भुरभुरी होने चाहिए। वही जुताई के पूर्व खेत में सड़ी गोबर की खाद डाले।वही गाजर की उन्नत किस्म की बीज जैसे पूसा केसर, घाली, पूसा यमदग्नि, नेन्ट्स का प्रयोग करे।गाजर का उत्पादन 300 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टयर तक हो जाता है। गाजर में कैरोटीन एवं विटामिन ए प्रोटीन व मिनरल्स पाए जाते हैं।इस कारण बाजार में इसकी मांग हमेशा होती है। इसकी हरी पत्तियों से मुर्गियों का चारा भी तैयार होता है।
-कैसे करे मूली की खेती
किसान भाई अगस्त के दुसरे सप्ताह में इसकी बुआई कर सकते हैं।इसके लिए बलुई और रेतीली मिट्टी अनुकूल होती है। चिकनी और कडक़ मिट्टी में इसकी फसल कम होती है। खेत की तैयारी के लिए तीन से चार गहरी जोत जरूर और सड़ी गोबर और कंपोस्ट खाद डालना चाहिए। इसमे विटामिन सी, विटामिन के, फोलिएट और कैल्शियम मौजूद होते है,जिससे बाजार में इसकी मांग बनी रहती है।
-कैसे करे गोभी व फूलगोभी की खेती
गोभी और फूलगोभी की रोपाई अगस्त से सितंबर महीने तक की जा सकती है। अगस्त की लगाये फसल सर्दी आने से पहले ही तैयार हो जाती है।मुख्यत: यह ठंडी जलवायु का पौधा है। इसके लिए 15 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान चाहिए। खेत में कम से कम दो से तीन जुताई के साथ हेगा लगाना जरूरी है।,ताकि मिट्टी भूरभुरा हो जाये।खेत में सड़ी गोबर की खाद जरूर डाले।पौध लगाते समय पौधे से पौधे की दूरी 40 से 50 सेंटीमीटर होनी चाहिए। फूलगोभी के लिए बलुई दोमट मिट्टी सही होती है। मिट्टी का पीएच मान 7.0 से कम होना चाहिए। इसके लिए आप मिट्टी की जांच जरूरी करा लें। इसकी खेती हमेशा समतल और अच्छी जल निकासी वाली जमीन पर करनी चाहिए।अगेती फूलगोभी की उन्नत किस्मों में पूसा दिपाली, अर्ली कुुुंआरी, अर्ली पटना, पंत गोभी, पंत गोभी 3, पूसा कार्तिक, पूसा अर्ली सेन्थेटिक, पटना अगेती, सेलेक्सन 327 एवं सेलेक्शन 328 मुख्य हैं। इनके अलावा पंत शुभ्रा, इम्प्रूव जापानी, हिसार 114, नरेंद्र गोभी1, पंजाब ज्वाइंट, अर्ली स्नोबाल, पूसा हाइब्रिड 2 आदि मध्यम सीजन में बोई जाने वाली किस्में हैं।
-कैसे करे पालक की खेती
अगस्त माह में पालक की खेती भी किया जा सकता है।पालक में कई मिनिरल्स होने के कारण इसकी जबरदस्त मांग बनी रहती है। इसके बीज आधा से एक इंच गहराई में ही बोने चाहिए। पौधों से पौधों की दूरी 20 से 30 सेमी होनी चाहिए। रेतीली दोमट मिट्टी पालक की खेती के लिए उपयुक्त रहती है। इसमें पानी की जरूरत ज्यादा होती है,इसकी खेती सिंचित भूमी में ही करे।
-कैसे करे धनिया की खेती
धनिया एक मसाला वाली फसल है।लेकिन इसकी हरी पत्तियों की भी बाजार में जबरदस्त मांग है। इसकी खेती अगस्त के अंतिम सप्ताह में कर सकते है।इसकी खेती हर प्रकार के मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन इसकी फसल में सिंचाई और मिट्टी का मानक बेहतर होने चाहिए।