नई दिल्ली (ईएमएस)। एयर इंडिया को केंद्र सरकार से खरीदने के बाद से ही टाटा लगातार बदलाव कर रही है। कंपनी ने अब अकेले सफर करने वाली महिला यात्रियों के लिए नई सुविधा देने की बात कही है। एयरलाइन ने निर्देश में कहा है कि अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं को फ्लाइट में पहुंचने के बाद भी अपनी सीट बदलने का मौका मिलेगा। ऐसी महिला यात्रियों को विंडो या फिर एस्ले सीट दी जा सकती है।
कंपनी की ओर से कहा गया है, कि हम अपने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हैं। इसकारण एयरलाइन ने जेंडर सेंसटिव सीट ऑप्शन चुनने की सुविधा देने की शुरुआत की है। कंपनी की ओर से 3 अक्टूबर को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अब महिला यात्री को फ्लाइट में पहुंचने के बाद भी अपने लिए सीट का विकल्प चुनने का मौका दिया जाएगा। यह कदम सफर के दौरान महिला और पुरुष यात्रियों के बीच उठने वाले किसी भी विवाद को टालने के लिए किया जा रहा हैं।
एयर इंडिया ने बताया है कि इसके लिए केबिन क्रूड सदस्यों को पूरी ट्रेनिंग दी जाएगी और अकेले सफर करने वाली महिलाओं को विंडो या फिर एस्ले सीट दिलाने के लिए उन्हें अन्य यात्रियों से अनुरोध करना होगा। अगर अकेले सफर कर महिला की सीट बीच में पड़ती है और उसके दोनों तरफ पुरुष यात्रियों की सीट होगी, तब ऐसी महिला यात्री को विंडो या फिर किनारे की सीट ऑफर की जा सकती है। इस काम के लिए केबिन क्रू पुरुष यात्रियों से अपनी सीट बदलने का अनुरोध करेगा। अगर कोई महिला छोटे बच्चे के साथ यात्रा कर रही है, तब उस भी सीट बदलने का विकल्प दिया जा सकता है।
एयर इंडिया ने कहा है कि अगर कोई बच्चा अकेले सफर कर रहा है, तब उस बीच की सीट ऑफर की जा सकती है। इसके बाद बच्चे को विंडो या एस्ले के बजाए बीच की सीट ऑफर की जाएगी और उसके पास भी फ्लाइट में पहुंचने के बावजूद अपनी सीट बदलने का मौका मिलेगा। यह कदम पुरुष और महिला यात्रियों के बीच किसी भी तरह की विवाद की स्थिति से बचने के लिए उठाया जा रहा है। एयर इंडिया का कहना है कि उसके पास ऐसी सैकड़ों शिकायतें आई हैं, जहां अकेले सफर कर रही महिलाओं की सीट अगर बीच में रहती है, तब उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ा है। इसके बाद एयरलाइन ने इस जेंडर सेंसटिव मानकर सीट में बदलाव करने का ऑप्शन दिया है।