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अब तो बरसो भगवान… जब वर्षा के लिए महिला किसानों ने चलाया हल, जानिए क्या है मान्यता

– सूखे की आशंका से भयभीत महिला किसानों ने अपनाई पुरानी मान्यता

– शिव मंदिर पर अखंड हरि-कीर्तन, हवन-पूजन के साथ समापन

मीरजापुर (हि.स.)। जून माह विदाई की ओर है। खेतों में अब तक तो धान की नर्सरी पड़ जानी चाहिए थी, लेकिन यहां तो पेयजल के लिए भी भटकना पड़ रहा है। ऐसे में सूखे की आशंका से भयभीत महिला किसानों ने इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए पुरानी मान्यता को अपनाया। राजगढ़ ब्लाक के देवपुरा गांव की महिलाओं ने रात के अंधेरे में खेतों में हल चलाया और देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए गांव के तालाब पर बने शिव मंदिर में 24 घंटे का अखंड हरि-कीर्तन किया, जो बुधवार को हवन-पूजन के साथ समाप्त हुआ।

महिलाओं के हल चलाने के पीछे मान्यता है कि इससे इंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और सूखी धरती को हरा-भरा करने के लिए पानी की बूंदों को पृथ्वी पर टपकाते हैं। महिला किसानों का कहना है कि आधा आषाढ़ महीना बीतने को है पर अभी तक किसानों को बीज डालने के लिए एवं पशुओं के चारा बोने के लिए पानी नहीं बरसा। इससे किसान चिंतित हैं। किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि कब पानी की बूंद धरती पर पड़ेगी और आसमान से बरसती आग के गोलों से निजात मिलेगी।

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