हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि पर्व का बहुत महत्व है और फाल्गुन मास में यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए यह सबसे बड़ा त्योहार है. इस दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. इसलिए प्रयागराज से ज्योतिर्विद पंडित बताती हैं कि अपने आराध्य की पूजा कैसे करें और इस पूजा के क्या महत्व है.
प्रयागराज: हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि पर्व का बहुत महत्व है और फाल्गुन मास में यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए यह सबसे बड़ा त्योहार है. इस दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान के साथ शिवजी की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
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महाशिवरात्रि पूजन विधि-
हर माह मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि में फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि सबसे खास और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली शिवरात्रि होती है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पूजा का संकल्प लेते हुए शिव मंदिर में जाएं. इसके बाद मन में भगवान शिव और माता पार्वती का स्मरण करते हुए उनका जलाभिषेकर करें. महाशिवरात्रि में भगवान शिव की पूजा के दौरान अक्षत, पान, सुपारी, बेलपत्र, दूध, दधी, शहद, घी ,धतूरा आदि भगवान शिव को अर्पित करें. पूजा के दौरान शिव मंत्रों का जाप करते रहें.
महाशिवरात्रि व्रत नियम जानें-
1) महाशिवरात्रि पर प्रात: स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें, फिर पूजा आरंभ करें.
2) व्रत में नियमों का पालन करने से इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है.
4) महाशिवरात्रि के व्रत का पारण भी विधिपूर्वक करना करें.
महाशिवरात्रि का महत्व-