लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज पढ़ने वाले 4 लड़कों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। उनकी पहचान उजागर करने से पहले पुलिस तस्वीरों से उनका मिलान कर रही है। पूछताछ के बाद उनके नाम ओपन किए जाएंगे। अधिकारी ये पुष्टि कर रहे हैं कि ये वही लड़के हैं, जिन्होंने मॉल के अंदर नमाज पढ़ी थी।
पार्किंग में बाइक खड़ी करने के दौरान उसकी पहचान हुई थी। सीएम योगी ने सोमवार को कहा था, “माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
पकड़े गए लड़कों में एक सीतापुर का
पुलिस ने मंगलवार को CCTV आधार पर चार युवकों को हिरासत में लिया है। ये लुलु मॉल में नमाज पढ़ने में शामिल थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इनमें से एक युवक सीतापुर का रहने वाला है। तीन अन्य के बारे में जांच जारी है। पुलिस सभी युवकों की कॉल डिटेल और नंबरों की लोकेशन की भी जानकारी कर रही है।
सिर्फ नमाज पढ़ने के लिए मॉल में की थी एंट्री
वीडियो में दिख रहे युवकों ने केवल नमाज पढ़ने के लिए ही मॉल में एंट्री की थी। पहले उन्होंने ग्राउंड फ्लोर पर प्रयास किए। गार्ड के रोकने पर वह खाली स्थान तलाशते हुए तीसरी मंजिल पर पहुंचे। वहां पर उन्होंने गलत दिशा, गलत समय पर बैठ कर नमाज पढ़ी। बाद में उसका वीडियो वायरल किया।
मॉल के उद्घाटन से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ
10 जुलाई : सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ सुशांत गोल्फ से लुलु मॉल का उद्घाटन किया था।
• 11 जुलाई : मॉल आम पब्लिक के लिए खुला, 1 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे।
13 जुलाई : मॉल परिसर में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ, इसके बाद से ही विवाद शुरू हुआ।
14 जुलाई : वीडियो वायरल होते ही हिंदू महासभा के शिशिर चतुर्वेदी ने मॉल में सुंदरकांड पाठ करने का ऐलान किया।
15 जुलाई : पुलिस के साथ मॉल प्रशासन के बड़े अफसर हिंदू महासभा के नेता के घर पहुंचे और उन्हें मॉल में आकर किसी प्रकार के प्रदर्शन न करने की अपील की। मॉल प्रशासन ने सुशांत गोल्फ सिटी में नमाज पढ़ने वालों खिलाफ FIR दर्ज करवाई। शिशिर मान गए।
16 जुलाई : हिंदू महासभा संगठन के बाद तमाम लोगों की विवाद में एंट्री हुई। करणी सेना संगठन ने मॉल में हनुमान चालीसा पाठ करने का ऐलान किया था जिस पर पुलिस ने संगठन के सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
17 जुलाई : विवाद बढ़ने के बाद मॉल प्रशासन ने इम्प्लॉइज के धर्म पर बयान जारी कर दिया। बयान में कहा गया कि मॉल में 80% से ज्यादा हिंदू वर्कर हैं। मुस्लिम, क्रिश्चियन, सिख समेत अन्य धर्म के लोग 20% हैं।