कानपुर में जुमे की नमाज के बाद तीन जून को हुई हिंसा में कई बड़े राज खुलकर सामने आ रहे हैं। इसी बीच एसआईटी की जांच में चौकाने वाला खुलासा हुआ। गौरतलब है कि जिस वक्त कानपुर में उपद्रवी भीड़ बवाल कर रही थी, उस समय कुख्यात अपराधी अकील खिचड़ी अपने मोबाइल फोन से पाकिस्तानी आकाओं के संपर्क में था। इस खुलासे के बाद एसआईटी और सख्त हो गई। अब उपद्रव में पाकिस्तानी कनेक्शन खंगाल रही है।
कानपुर हिंसा में अब तक हयात जफर अंसारी समेत 58 आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। एसआईटी ने अब तक जांच में उपद्रव के पीछे दो वजह समझ आ रही हैं। पहला, उपद्रव की साजिश नुपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर भारत की विश्व पटल पर बदनामी कराने को गई। दूसरा, उपद्रव के पीछे स्थानीय कारण हिंदुओं की बस्ती चंद्रेश्वर हाता खाली कराना था। हालांकि उपद्रव के करीब 18 दिन बाद नए तथ्य ने पुलिस की जांच की दिशा बदल दी है। उपद्रव के बाद से पुलिस नई सड़क के मोबाइल टावर का डाटा खंगाल रही थी। उसमें सामने आया है कि एक मोबाइल नंबर से उस वक्त पाकिस्तान बात चल रही थी। पुलिस तब और चौंकी जब पता चला कि नंबर को डी-टू गैंग का अकील खिचड़ी इस्तेमाल कर रहा है।
क्या है अकील खिचड़ी का इतिहासअकील खिचड़ी का है लंबा आपराधिक इतिहास लगभग 40 साल का अकील खिचड़ी अपराधियों का गढ़ कहे जाने वाले गम्मू खां का हाता का रहने वाला है। कर्नलगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। इसके खिलाफ कर्नलगंज थाने में 21 मुकदमे हैं। अनुमान है कि अन्य थानों में भी इसके खिलाफ आठ से दस मुकदमे हैं। अकील का भाई अतीक भी थाने का हिस्ट्रीशीटर है। अकील के खिलाफ लूट, मारपीट, हत्या का प्रयास, ड्रग्स तस्करी, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट में मुकदमे दर्ज हैं। इसके डी-टू गैंग से भी गहरे संबंध सामने आए हैं।