Breaking News

कितने साल जीती हैं चीटियाँ, बिना कानो के कैसे सुनती हैं सबकुछ, जाने इनसे जुड़े रोचक तथ्य

चीटियाँ कीड़े मकोड़े की श्रेणी में आती हैं. कहने को तो ये बहुत ही कॉमन प्राणी हैं, जिन्हें हम अपने घर या बाहार आसानी से देख सकते हैं. आप ने भी चीटियों को कई बार देखा होगा लेकिन क्या आप उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बाते जानते हैं? आज हम आपको चीटियों से सबंधित कुछ ऐसे रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं जिन्हें सुन आप भी हैरान रह जाएंगे.

ताकत

चीटियाँ सबसे पुरानी जीव हैं जिनका अस्तित्व डायनासोर के जमाने से अब तक बरकरार हैं. पूरी दुनियां में चीटियों की 12 हजार से भी अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं. एक चीटी का आकार 2 से लेकर 7 मिलीमीटर के बीच तक का हो सकता हैं. इनमे सबसे बड़ी चीटियों को कार्पेंटर चींटी कहा जाता हैं. यह 2 सेंटीमीटर तक बड़ी हो सकती हैं. चीटियों में गज़ब की ताकत होती हैं. ये अपने वजन की तुलना में 20 गुना ज्यादा भार उठा सकती हैं.

दिमाग
सिर्फ ताकत ही नहीं बल्कि दिमाग से भी चीटियाँ सबसे आगे होती हैं. इनके दिमाग में तक़रीबन 2 लाख 50 हजार मस्तिष्ट कोशिकाएं होती हैं. इस वजह से ये अपनी कालोनियां भी बड़ी व्यवस्थित ढंग से बनाती हैं और हमेशा लाइन में चलना पसंद करती हैं.

काम प्रक्रिया
चीटियाँ एक सामजिक प्राणी होती हैं. ये हमेशा एक बड़ा ग्रुप बनाकर रहती हैं. इनका ग्रुप एक सोसाइटी की तरह होता हैं जिसमे हर किसी का काम आपस में बटा होता हैं. यहाँ रानी चींटी सबसे बड़ी और रुतबेदार होती हैं. इसका मुख्य काम अंडे देने का होता हैं. एक रानी चीटी अपने पूर्ण जीवनकाल में लगभग 60 हजार अंडे दे सकती हैं. इसके बाद नर चिटें आते हैं जिनका शरीर रानी की तुलना में छोटा होता हैं. ये रानी को जब गर्भवती करते हैं तो उसके कुछ दिनों बाद ही मर जाते हैं. बाकी की बची चीटियाँ खाना जमा करने, बच्चों की देखरेख करने आर कालोनी जैसा घर बनाने का काम करती हैं. इसके साथ ही इनमे कुछ रक्षक चीटियाँ भी होती हैं जिनका काम कालोनी की रक्षा करना होता हैं.

चीटियों की लड़ाई

चीटियाँ अपन कालोनी की एक सीमा तय कर देती हैं. ऐसे में यदि इनकी सीमा में कोई दूसरी कालोनी की चीटियाँ घुस जाए तो युद्ध छिड़ जाता हैं. आपको जान हैरानी होगी कि दो कालोनियों के बीच की चीटियों की लड़ाई कुछ घंटो से लेकर कई हफ़्तों तक चल सकती हैं.

दयावान
चीटियाँ दुश्मनों के लिए लड़ाकू और अपनों के लिए दयावान होती हैं. इनके अंदर दो पेट होते हैं. पहले पेट में ये अपने लिए भोजन रखती हैं जबकि दुसरे पेट में कालोनी में काम कर रही चीटियों के लिए खाना जमा करती हैं.

बिना कानो के सुनना

चीटियों के कान नहीं होते हैं इसलिए ये सुन नहीं सकती हैं. लेकिन ये हलकी सी श्वानी को भी महसूस कर सकती हैं. दरअसल इनके पैर और घुटनों में ख़ास सेंसर होते हैं जो किसी भी कम्पन को महसूस कर लेते हैं.

उम्र
सामान्य चीटियों की उम्र 45 से 60 दिन की होती हैं, परंतु रानी चीटी की बात की जाए तो ये 20 साल तक जीवित रह सकती हैं. इतना ही नहीं यदि रानी चीटी मर जाती हैं तो पूरी कालोनी तबाह हो जाती हैं.

Check Also

दिल्ली में फिर ‘गंभीर श्रेणी’ में पहुंचा वायु प्रदूषण, एक्यूआई पहुंचा…

नई दिल्ली, । दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया। शनिवार सुबह …