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कन्या सुमंगला योजना में मिलेंगे 25 हजार रुपये : मुख्यमंत्री योगी

 

– अप्रैल से मिलेगी कन्या सुमंगला योजना की बढ़ी हुई धनराशि

– सामूहिक विवाह समारोह में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री, नव दम्पतियों को दिया आशीर्वाद

– 252 करोड़ रुपये की लागत वाली 91 विकास परियोजनाओं का किया लोकार्पण

गोरखपुर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप डबल इंजन की सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सम्मान के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। अब सरकार अप्रैल से मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की धनराशि को प्रति लाभार्थी 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी बसंत पंचमी के पर्व पर खाद कारखाना परिसर में एक हजार जोड़ों के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 252 करोड़ रुपये की लागत वाली 91 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधी आबादी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को लेकर 2014 में पीएम मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया। बेटी बचेगी तभी पढ़कर आगे बढ़ेगी और देश व समाज के लिए योगदान दे पाएगी। एक बेटी कुल खानदान को आगे बढ़ाने का काम करती है। बेटियों को बचाने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए आज केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में जब वह सीएम बने तो प्रदेश में यह समस्या आई कि बेटी को बचाने के लिए क्या और प्रयास करने चाहिए। इसके लिए पहला कार्यक्रम सुमंगला योजना का बनाया गया। इसमें बेटी के जन्म से लेकर स्नातक तक पढ़ाई की व्यवस्था की गई। इस योजना में सरकार अब तक 17 लाख से अधिक बेटियों को 15 हजार उपलब्ध करा चुकी है। अप्रैल से यह धनराशि बढ़कर 25 हजार हो जाएगी।

 

सामूहिक विवाह योजना में तीन लाख से अधिक बेटियों के हाथ पीले

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत वर्ष 2017 से अब तक तीन लाख से शादियां करा चुकी है। प्रति जोड़े विवाह पर 51 हजार रुपये खर्च किए जाते हैं। इसमें 35 हजार रुपये कन्या के खाते में भेजे जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह सुखद है कि गरीब के साथ संपन्न परिवारों के बच्चे सामूहिक विवाह के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं।

 

बाल विवाह, दहेज व तलाक की कुप्रथा अमानवीय

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एक सदगृहस्थ के लिए विवाह भी एक संस्कार है और उस संस्कार से वह पैतृक परंपरा को आगे बढाने का कार्य करता है। सृष्टि की रचना, जीवन चक्र इसी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि समय के अनुरूप विकृतियां भी आईं। कहीं बाल विवाह, दहेज तो कहीं तलाक जैसी कुप्रथाएं हैं। ये कुप्रथाएं आधी आबादी की विरोधी थीं। इनसे बचने के लिए बेटी हो ही न हों, इसके लिए तमाम कुत्सित प्रयास होने लगे।

 

शपथ लें न दहेज लेंगे न देंगे, बाल विवाह भी नहीं करेंगे

मुख्यमंत्री ने लोगों को संकल्प दिलाया कि बाल विवाह नहीं होने देना है। दहेज न लेना है, न देना है। तलाक जैसी कुप्रथाओं को सदैव के लिए समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा। ये कुप्रथाएं अमानवीय हैं, आधी आबादी का अपमान और उन पर अत्याचार हैं।

 

आधी आबादी को हर संभव सहयोग करेगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधी आबादी के साथ सरकार खड़ी है। उन्हें हर संभव सहयोग करेगी, प्रोत्साहन देगी। उन्होंने बताया कि आधी आबादी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए महिला स्वयंसेवी समूह संचालित हैं। व्यवस्था दी गई है कि किसी गांव में राशन कोटे का विवाद होगा तो वहां की महिला स्वयंसेवी समूह व्यवस्था संचालित करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 55 लाख गरीबों को पीएम आवास योजना से मकान दिए गए हैं, उनमें आधे से अधिक महिलाओं के नाम पर दिए गए हैं। पीएम स्वामित्व योजना में जिस जमीन पर मकान है, उसमें 90 लाख का मालिकाना हक महिलाओं के नाम पर दिया गया है। सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए पीएम मोदी के विजन को आगे बढाने का कार्य कर रही है।

 

माता सरस्वती कुपित होती हैं तो सिंहासन की बजाय निद्रासन मिलता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि आज बुद्धि और विवेक की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती के पूजन का दिन है। उनकी कृपा से प्राप्त विवेक से सारे कार्य हो जाते हैं। जबकि माता सरस्वती कुपित होती हैं तो कुंभकर्ण को सिंहासन की बजाय निद्रासन मिल जाता है। उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी का पावन पर्व है। प्रकृति सौंदर्य के चरम की ओर अग्रसर है। इस मौके पर उन्होंने दाम्पत्य जीवन में प्रवेश कर रहे एक हजार जोड़ों को हृदय से बधाई देते हुए उनके मंगलमय जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि यदि किसी की व्यक्तिगत शादी होती तो व्यस्तता के कारण मैं शायद नहीं आ पाता। पर, आज आ गया हूं। यहां सबको रविकिशन जी का गाना सुनने को भी मिला।

 

शुद्ध जल से स्वास्थ्य पर खर्च होगा कम

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सामूहिक विवाह के कार्यक्रम के साथ आज 252 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का उपहार भी मिल रहा है। इसमें सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाढ़ बचाव, पेयजल के कार्य शामिल हैं। पेयजल की परियोजना से हर घर नल से शुद्ध जल मिलेगा। पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। शुद्ध जल से मनुष्य स्वस्थ होगा। बीमारियों से बचाव होगा और स्वास्थ्य पर खर्च बचेगा। मुख्यमंत्री ने सबको शुभकामनाएं देने के साथ ही कहा कि 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में रामलला अपने मंदिर में विराजमान हुए हैं। उनका आशीर्वाद भी सबको प्राप्त हो रहा है।

 

मुख्यमंत्री ने 10 नवयुगलों को प्रमाण पत्र व उपहार दिया

समाज कल्याण विभाग की तरफ से आयोजित इस समारोह में एक हजार जोड़े विवाह के पावन बंधन में बंधे। नवयुगलों में हिन्दू, मुस्लिम दोनों शामिल रहे। सभी नव दम्पतियों को आशीर्वाद देते हुए मुख्यमंत्री ने उनके सुखमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने मंच से दस नवयुगलों को प्रमाण पत्र और उपहार-शगुन किट भेंट किया। प्रमाण पत्र देने के दौरान मुख्यमंत्री ने जोड़ों से आत्मीय संवाद भी किया।

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