इजरायल ने हमास को चेतावनी दे दी है कि उसकी विरासत को खत्म कर देगा। इतना ही नहीं इजरायल ने तो ये भी धमकी दे दी है कि हमास को खुलेआम ढूंढ लेंगे और खत्म कर देंगे। एक तरफ हमास को मुस्लिम देशों का समर्थन मिला हुआ है तो वहीं अमेरिका ब्रिटेन जैसे देश इजरायल के साथ खड़े हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुद इजरायल के पीएम नेतन्याहू से 4 बार फोन पर बात की है।
चूंकि अरब देशों ने फिलिस्तीन के साथ खड़े होने का निर्णय ले लिया है। वहीं अमेरिका, ब्रिटेन, यूक्रेन, फ्रांस और भारत समेत बड़े देशों ने भी इजरायल के साथ खड़े होने का समर्थन किया है। अमेरिका ने खुलकर कहा है कि इन्हें बख्शा नहीं जाएगा। वहीं भारत और फ्रांस ने भी इजरायल के साथ खड़े रहने का आश्वासन दे दिया है।
अमेरिका ने इजरायल को भेजा युद्धपोत
दिन बीतने के साथ हमास के साथ इजरायल की लड़ाई और तेज हो रही है। इजरायल ने सीरिया के ऊपर भी हमला कर दिया है। लेबनान जाहिर तौर पर हमास के साथ है। जिस तरह से हिजबुल्लाह ने इजरायल के ऊपर हमला कर दिया। ऐसे में ये साफ है कि कैसे मुस्लिम देश फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं। दूसरी तरफ अमेरिका के विदेश एंटनी ब्लिंकन युद्ध के बीच इजरायल पहुंचे हैं। हालांकि अमेरिका के व्हाइट हाउस ने कहा कि इजरायल में उनके सैनिक नहीं जाएंगे। बता दें, अमेरिका ने अपना सबसे खतरनाक जंगी जहाज (युद्धपोत) भी इजरायल की मदद के लिए भेज दिया है। अमेरिका ने अपना सबसे ताकतवर बमवर्षक B-52 Stratofortress इजरायल पहुंचा दिया है।
अमेरिका के रहते इजरायल अकेला नहीं: एंटनी ब्लिकंन
इजरायल में अमेरिका का समर्थन देने पहुंचे विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा, “जब तक अमेरिका है तब तक इजरायल अकेला नहीं है। मैं अपने साथ यह संदेश लेकर आया हूं कि आप स्वयं इतने ताकतवर हो सकते हैं कि अपनी रक्षा स्वयं करने में सक्षम हों लेकिन जबतक अमेरिका है आपको इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।” इसके अलावा राष्ट्रपति बाइडेन ने कई बार इजरायली पीएम से फोन पर बातचीत भी की है। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी इजरायल की स्थिति को लेकर पीएम नेतन्याहू से बात की। हैरिस ने इजरायल को अमेरिका का खुला समर्थन दिया। ऐसे में आगे उम्मीद की जा रही है कि ये लड़ाई इजरायल बनाम अरब की ओर मुड़ सकती है।