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बांके बिहारी मंदिर मथुरा कॉरिडोर मामले में सुनवाई जारी, मंदिर में पूजा व चढ़ावे का विवाद…

– सरकार ने मंदिर के सेवायतों को याचिका में पक्षकार बनाने का किया विरोध

 

– मंदिर में पूजा व चढ़ावे का विवाद उलझा

प्रयागराज, (हि.स.)। मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए पांच एकड़ में प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण में मंदिर के चढ़ावे के इस्तेमाल पर गोस्वामियों सेवायतों की आपत्ति का कोई हल नहीं निकल सका। सेवायतों को याचिका में पक्षकार बनाकर उन्हें भी कानूनी रूप से सुनवाई का मौका देने की मांग का सरकार ने विरोध किया।

सरकार ने कहा कि वह चाहे तो इस जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दे पर बहस करके कोर्ट का सहयोग कर सकते हैं, परंतु उन्हें याचिका में पक्षकार बनाने का सरकार विरोध करती है। सेवायतों का कहना है कि प्रस्तावित योजना के नाम पर मंदिर के चढ़ावे से कॉरिडोर बनाने के नाम पर किए जाने वाले खर्च का औचित्य नहीं है। सरकार विकास करना चाहती है तो अपने पैसे से करें। कहा गया कि कॉरिडोर बनाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, किन्तु मथुरा की पौराणिक धार्मिक स्वरूप से छेड़छाड़ न की जाय।

गोस्वामियों का कहना है कि मंदिर का चढ़ावा चाहे कैश में हो अथवा सोना-चांदी के रूप में, सभी प्रकार का चढ़ावा भगवान के नाम पर खुले बैंक अकाउंट में जमा होता है। इस पैसे को खर्च करने के लिए स्कीम बना है और इसके लिए कमेटी है। प्रशासन को उन पैसों का खर्च उनकी निगरानी में वहां के विकास के लिए करने की वे अनुमति नहीं देना चाहते।

कोर्ट के पूछने पर कि पैसा कहां से आता है ? बताया गया कि भगवान के मंदिर में पैसा दो प्रकार से आता है। एक तो वह जो शिष्य गुरु को दान करता है और वह पैसा उसका व्यक्तिगत होता है। दूसरा भगवान को दान में चढ़ता है और उसके लिए एक स्कीम बनी है और उसकी कमेटी है। इसका पैसा भगवान के कार्यों में व सेवा आदि में खर्च होता है।

केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा की सरकार चाहे तो कॉरिडोर के लिए 250 करोड रुपए एक हफ्ते में जुटा सकती है, परंतु इसके लिए उसकी इच्छा शक्ति जरूरी है। राज्य सरकार का कहना है कि वह मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा के लिए विकास करना चाहती है। मंदिर के लिए सुविधाएं मंदिर के धन से करना चाहती है। यह जनहित में है। केस की सुनवाई कल भी जारी है।

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अनंत शर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा।

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