फाइल फोटो
– पुनर्निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका
उन्नाव। अजगैन-मोहान मार्ग से लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, फैजाबाद, बरेली, कन्नौज के वाहनों का बड़ी संख्या में आवागमन रहता है। यह मार्ग पिछले कई सालों से जर्जर हालत में है। गिट्टी उखड़ गई है। दो माह पहले गड्ढों की पैचिंग कराई गई थी लेकिन वर्तमान में मार्ग पुरानी स्थिति में पहुंच चुका है। अजगैन, लखनापुर, मकूर, नई सराय, नवई, फरहदपुर, न्योतनी व मोहान मोड़ तक करीब 19 किमी की दूरी में हर पचास कदम पर चार फिट तक गहरे गड्ढे हो गए हैं। इस मार्ग से आवागमन के दौरान अक्सर वाहनों के पहिए गड्ढों में फंस जाते हैं। जिससे जाम लग जाता है। वर्तमान में तो बारिश के कारण गड्ढों में पानी भर गया है। जिससे रात के अंधेरे में इस मार्ग से आवागमन करना जान जोखिम में डालना है।
जानकारों की माने तो पीडब्ल्यूडी द्वारा इस मार्ग पर पांच साल में 14 करोड़ रुपये मरम्मत व अन्य मद के नाम पर खर्च हो चुके हैं लेकिन इसकी दशा नहीं सुधरी है। 2017 में ही मरम्मत पर 2.90 करोड़ और 2020 में तहसील मार्गों के चौड़ीकरण योजना के तहत चौड़ाई बढ़ाकर पांच मीटर करने पर 11.50 करोड़ खर्च किए गए। 2022 में पुनर्निर्माण के लिए 27 करोड़ का स्टीमेट शासन को भेजा गया लेकिन अब तक से मंजूरी नहीं मिली। फरवरी में गड्ढे भरने को 20 लाख रुपये मिले थे जो इधर चार दिन की बारिश में गड्ढे फिर से खुल गए हैं।
पीडब्ल्यूडी निर्माणखंड के एक्सईएन सुबोध कुमार 19 किमी लंबे इस मार्ग के पुनर्निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इस मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन काफी ज्यादा है। बारिश के बाद फिर से गड्ढों को भरवाने का प्रयास किया जाएगा।