केंद्र सरकार ने जबसे नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किया है, तब से प्रदूषण जांच केंद्र (Pollution Testing Center) का बिजनेस काफी तेजी से बढ़ा है. नए मोटर व्हीकल एक्ट में मोटे जुर्माने का प्रावधान है. नए नियमों के बाद जिस डॉक्यूमेंट की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस हुई वो पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUC) है. पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होने पर सबसे अधिक 10 हजार रुपए का जुर्माना है. इस वजह से हर छोटी-बड़ी गाड़ी वाला प्रदूषण करा रहा है. ऐसे में आप भी प्रदूषण जांच केंद्र खोलकर कमाई कर सकते हैं.
अपना कारोबार शुरू करने की सोच रहे लोगों के लिए यह धंधा काफी मुनाफे वाला है. कम लागत में तुरन्त प्रदूषण जांच केंद्र शुरू किया जा सकता है. साथ ही पहले दिन से इसमें कमाई होने लगती है. एक अनुमान के तौर पर इससे रोजाना 1-2 हजार रुपए कमाए जा सकते हैं. मतलब महीने में आप 30 हजार से 50 हजार रुपए तक कमा सकते हैं.
PUC के लिए कैसे अप्लाई करें
- प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए सबसे पहले रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (RTO) से लाइसेंस लेना होगा.
- नजदीकी आरटीओ ऑफिस में इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं.
- प्रदूषण जांच केंद्र कहीं भी पेट्रोल पंप, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के आसपास खोला जा सकता है.
- आवेदन करने के साथ ही 10 रुपए का एफिडेविट देना होगा.
- एफिडेविट में टर्म एंड कंडीशन भी लिखनी होती हैं.
- लोकल अथॉरिटी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा.
- प्रदूषण जांच केंद्र की हर राज्य में अगल-अलग फीस है.
- कुछ राज्यों में ऑनलाइन अप्लाई करने की भी सुविधा है.
- ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए https://vahan.parivahan.gov.in/puc/ पर जाकर रजिस्टर करना होगा.
कहां कितनी फीस
- दिल्ली-NCR
- एप्लीकेशन फीस- 5000 रुपए (सिक्योरिटी डिपॉजिट)
- सालाना फीस- 5000 रुपए
- कुल – 10000 रुपए
क्या है केंद्र खोलने की शर्तें
- प्रदूषण जांच केंद्र पीले रंग के केबिन में ही खोला जा सकता है. यह इसकी पहचान के लिए है.
- केबिन साइज- लंबाई 2.5 मीटर, चौड़ाई 2 मीटर, ऊंचाई 2 मीटर.
- प्रदूषण केंद्र सेंटर पर लाइसेंस नंबर लिखना अनिवार्य है.
- देश का कोई भी नागरिक, फर्म, सोसायटी और ट्रस्ट इसे खोल सकते हैं.
- PUC खोलने के लिए ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, मोटर मैकेनिक्स, ऑटो मैकेनिक्स, स्कूटर मैकेनिक्स, डीजल मैकेनिक्स या फिर इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (ITI) से प्रमाणित सर्टिफिकेट होना चाहिए.
केंद्र खोलने के लिए क्या चाहिए?
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए सबसे जरूरी कंप्यूटर, USB वेब कैमरा, इंकजेट प्रिंटर, पावर सप्लाई, इंटरनेट कनेक्शन, स्मोक एनालाइजर है. यह सभी लाइसेंस फीस से अलग खर्च में जोड़ा जाता है.
नियम और शर्त
प्रदूषण जांच केंद्र को गाड़ी के पॉल्यूशन चेक पर प्रिंटेड सर्टिफिकेट देना होगा. सर्टिफिकेट में सरकारी स्टिकर का लगा होना अनिवार्य है. प्रदूषण जांच केंद्र को सभी गाड़ियों की डिटेल्स एक साल तक अपने सिस्टम में रखना जरूरी है. PUC का लाइसेंस जिसके नाम पर है, सिर्फ उसी व्यक्ति के पास इसे ऑपरेट करने का अधिकार होगा. किसी और के ऑपरेट करने पर कार्रवाई की जा सकती है.