होली को लेकर अबीर-गुलाल से सज गए बाजार
– गांव से शहर तक उड़ेंगे अबीर गुलाल, हर्बल रंगों का होगा अधिकाधिक प्रयोग
श्रावस्ती:- होली का पर्व 18 मार्च को मनाया जाएगा। जिसको लेकर लोगों में उत्साह चरम पर है। गांव व शहर में होली त्योहार को सम्पन्न कराने के लिए गठित समितियों द्वारा होली की हुड़दंग के लिए सजाने के काम को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इसके साथ ही बाजारों में रंग-बिरंगी पिचकारी व रंगों की दुकानें सज चुकी हैं। ऐसे में हर कोई इस बार अबीर-गुलाल व हर्बल रंगों से ही होली खेलने तथा मिलावटी रंगों के प्रयोग से बचने की सलाह दे रहा है।
रंगों का महापर्व होली की रौनक हर ओर छाई हुई है। इसके चलते बाजारों में तरह-तरह के रंग, अबीर, गुलाल आदि दुकानों में सज गए हैं। बीते वर्ष की भांति इस वर्ष युवा होली अपने ढंग से मनाने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में जहां कुछ लोग होली में चलने वाले सिंथेटिक रंगों के प्रयोग से बचने का उपाय खोज रहे हैं, तो कुछ लोग होली पर मिलावटी रंगों का उपयोग न करके अबीर व गुलाल से होली खेलने की तैयारी में हैं। इसे देखते हुए दुकानदारों ने भी दुकानों पर रंगों से ज्यादा अबीर व गुलाल सजा रखा है।
ऐसे करें मिलावटी रंगों की पहचान
अबीर व गुलाल खरीदते समय असली व नकली की पहचान करना बेहद आसान है। रगड़ने से यदि अबीर में चिकनेपन का अहसास हो, धुलने के बाद यदि हाथ में रंग न लगे तो यह असली है। उठाने पर भारीपन, रगड़ने पर दानेदार व धुलने पर रंग हाथ में लगे तो इसे नकली मानें। दूसरी अहम पहचान असली अबीर देखने में ही चमकदार होता है। जबकि नकली मटमैला नजर आता है। वहीं रंग खरीदते समय जहां तक संभव हो ब्रांडेड, आईएसआई ट्रेडमार्क देखकर ही खरीदें। सस्ते रंग मिलावटी हो सकते हैं।