Breaking News
Home / Slider News / विधानसभा चुनाव : मैनपुरी की चार सीटों के दावेदारों की धड़कनें बढ़ीं, पढ़ाये

विधानसभा चुनाव : मैनपुरी की चार सीटों के दावेदारों की धड़कनें बढ़ीं, पढ़ाये

सूत्रों के हवाले से खबर : 

मैनपुरी सदर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं अखिलेश

– प्रत्याशियों की घोषणा के लिये मात्र 10-12 दिन का ही समय, 25 जनवरी को नामांकन

मैनपुरी। चुनाव आयोग द्वारा जिले की सभी चार विधानसभा सीटों पर बीस फरवरी को मतदान का ऐलान किये जाने के साथ सभी दलों के दावेदारों में हलचल मच गई है। चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की तिथि 25 जनवरी घोषित की गई है। यानि प्रमुख दलों के पास प्रत्याशियों की घोषणा करने के लिये अधिकतम दस-बारह दिन का समय बचा है।वहीं चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव के विधानसभा चुनाव लड़ने की खबरे आ रही हैं। सूत्रों से मिल रही जानकारी को सही मानें तो आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव मैनपुरी की सदर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।

मुख्य दलों भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस ने अभी अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। बहुजन समाज पार्टी कुछ सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है तो कुछ पर घोषणा शेष है।गौरतलब है कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में जिले की तीन सीटों पर सपा ने कब्जा जमाया था, जबकि भोगांव सीट भाजपा के खाते में गई थी। इस बार लगभग हर सीट पर 25-30 लोगों ने अपनी दावेदारी जताई है।

सपा के कुछ विधायकों के प्रति मतदाताओं में भारी नाराजगी है। इससे यह भी खतरा बना हुआ है कि पिछले चुनावों में जीती गईं तीन सीटों में से कुछ को सपा खो न दे। पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी कुछ विधायकों के खिलाफ नकारात्मक सन्देश पार्टी आलाकमान को भिजवाये हैं। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपने स्तर पर भी सभी सीटों पर जीत की संभावनाओं के बारे में फीडबैक जुटाया है।

कुछ सीटों पर प्रत्याशी बदले जाना तय

सपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस चुनाव में कुछ सीटों पर प्रत्याशी बदले जाना तय है। पार्टी इस बात को अच्छे से समझ रही है कि जनता की नाराजगी वाले चेहरों को बदले बिना सफलता मिलने में शंका है। जिस प्रकार से भाजपा, कांग्रेस आदि दल हमलावर हैं और जनता का मूड बदलने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं, उससे सपा नेतृत्व हर कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहता है। दूसरी ओर सपा के गढ़ में भाजपा सेंध लगाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। बसपा का ध्यान अपने प्रतिबद्ध मतदाताओं को ध्यान में रखकर रणनीति बनाने पर है। कांग्रेस का पिछले चुनावों में प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था। ऐसे में उसकी कोशिश अपने मतों का प्रतिशत बढ़ाने पर प्रतीत होती है। कुल मिलाकर दस-बारह दिन का सीमित समय होने के कारण हर दल के दावेदारों की धड़कनें बढ़ गई हैं।

राजनीतिक दलों ने फाइनल कर ली प्रत्याशियों की सूची

सूत्रों का दावा है कि राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों की सूची तय कर ली है, केवल उसे जारी किया जाना शेष है। दावेदार अपना नाम इस सूची में शामिल कराने के लिए अंतिम समय तक दौड़-भाग में लगे हैं। कुछ राजनीतिक समीक्षकों का यह भी मानना है कि प्रतिद्वंद्वी पार्टी के प्रत्याशियों के नाम सामने आने के बाद कुछ दावेदारों के नाम पर पुनर्विचार किया जा सकता है।

Check Also

आईपीएल 2024: केएल राहुल, रुतुराज गायकवाड़ पर इतने-इतने लाख का जुर्माना, जानिए क्यों ?

लखनऊ  (हि.स.)। लखनऊ के एकाना क्रिकेट स्टेडियम में शुक्रवार को लखनऊ सुपर जाइंट्स (एलएसजी) और ...