कानपुर । मदरसे की आड़ में साइबर ठगी व डिजिटल अरेस्ट से होने वाली काली कमाई को अपने बैंक खाते में मंगवाने वाले मौलाना और उसके एक साथी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित साइबर अपराधियाें द्वारा ठगी की काली कमाई को अपने खाते में दान की रकम बोलकर मंगवाता और फिर अपना हिस्सा लेकर बाकी के रुपये साइबर ठगाें काे वापस कर देता था।
डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने शनिवार काे पत्रकाराें काे बताया कि कर्नलगंज इलाके में काफी समय से साइबर सेल को यह सूचना मिल रही थी कि, कर्नलगंज और उसके आसपास के इलाकों में साइबर अपराधी सक्रिय होकर भोले भाले लोगों को डिजिटल अरेस्ट और डरा धमकाकर करके लाखों रुपये वसूल कर अपने नजदीकियों के बैंक खातों में ट्रांसफर करा रहे हैं। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि, कर्नलगंज के जीआईसी मैदान में कुछ साइबर अपराधी नयी घटना को अंजाम देने के लिए रणनीति बना रहे हैं। पुलिस ने मौके से दो आरोपितों को धर दबोचा जबकि अंधेरे का फायदा उठाते हुए बाकी दो आरोपित मौके से भाग निकले। पकड़ा गया आरोपित 40 वर्षीय जावेद जो वर्तमान में यतीमखाना क्षेत्र का रहने वाला है। जबकि मूल रूप से वह दरभंगा बिहार से है। वहीं पकड़ा गया दूसरा आरोपित 25 वर्षीय सुहैल बेकनगंज का रहने वाला है।
पुलिस की पूछताछ के दौरान आरोपित जावेद ने बताया कि वह कसीमुल उलूम फाउंडेशन के नाम से एक मदरसा चलाता है, जिसमें वह अनाथ बच्चों को शिक्षा देता है। उसने बताया कि इस बीच वह कुछ ऐसे लाेगाें के संपर्क में आया जाे इंटरनेट के माध्यम से भोले-भाले लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं। उन लाेगाें ने लालच दिया कि हमारी काली कमाई काे आप अपने खाते में मंगवाकर उसे एक नंबर पर कर सकते हैं, जिसके बदले हम आपकाे कमीशन देंगे। उसने बताया कि कुछ महीने पहले साइबर फ्रॉड के जरिए 32 लाख 50 हजार रुपये अपने खाते में मंगवाए थे। फिर थोड़ी-थोड़ी रकम उनके खातों में ट्रांसफर कर दिए थे।
फिलहाल पुलिस आरोपित के खाते को खंगाला तो उसमें 32 लाख रुपये के अलावा 60 लाख रुपये का लेनदेन दिख रहा है। जिसकी जांच सर्विलांस टीम के जरिये की जा रही है। आरोपित की निशानदेही पर गैंग के अन्य साथियों को पकड़ने के लिए लखनऊ से लेकर दिल्ली तक जांच कर रही है।