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भीषण गर्मी और सूरज की तल्खी के बीच ठंडक दिलाते ‘माधुरी’ और ‘मधुबाला’

शरीर में पानी की कमी को दूर करने में सहायक होता है तरबूज

शहरी क्षेत्रों समेत ग्रामीण अंचलों में है तरबूज की मजबूत पकड़

बांदा। मौसम की तपती और भीषण गर्मी में माधुरी और मधुबाला कश्मीरी ठंडक का अहसास करा रही हैं। दरअसल माधुरी और मधुबाला कोई हीरोइन नहीं बल्कि तरबूज की वह किस्में हैं, जो तैयार तो होती हैं नदी किनारे गर्म रेत में, लेकिन पकने के बाद जब सुर्ख लाल रंग में तब्दील हो जाती हैं तब अपनी मीठी और भीनी खुशबू के अहसास से सबका मन लुभाती हैं।

जीवनदायिनी केन नदी के किनारे गर्म रेत पर यहां खीरा और ककड़ी तो खूब होती है लेकिन तरबूज यहां से 280 किलोमीटर दूर फर्रुखाबाद से काफी जतन के साथ आता है। यहां गंगा की तलहटी में गर्म रेत पर तैयार होने वाला तरावट वाला तरबूज ऊपर वाले के किसी वरदान से कम नहीं। वहां से आने वाला माधुरी और मधुबाला वैरायटी का तरबूज मिठास और खुश्बू में अपने नाम का सार्थक कर रहा है। लाल सुर्ख रंग का दिखने वाला तरबूज खाने में सारी मिठाइयों को फेल करने वाला तो है ही इस तपन भरी गर्मी से राहत दिलाने में भी काफी उपयोगी सिद्ध होता है। गर्मी के मौसम में यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है, क्योंकि यह ऐसा फल है, जिसमें 97 फीसद पानी होता है। शरीर में ग्लूकोज की कमी को पूरा करने में भी यह सहायक माना जाता है।

हाई ब्लड प्रेशर के मर्ज के साथ ही यह अन्य कई गंभीर बीमारियों का शमन करता है। सब्जी मंडी में इन दिनों माधुरी और मधुबाला की सेल जबरदस्त है। हाइब्रिड वैरायटी होने के कारण यह तरबूज जल्दी और ज्यादा मात्रा में तैयार होता है। इसलिये वहां के किसानों के साथ ही फल विक्रेताओं की भी खासी कमाई हो जाती है। यहां तरबूज थोक के भाव में 50 रुपये पसेरी (पांच किलोग्राम) सेल हो रहा है। इस फल को शहर से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में ज्यादा पसंद किया जाता है।

विटामिन ए, बी और सी व लौह तत्व से भरपूर

तरबूज में विटामिन ‘ए’, ‘बी’ और ‘सी’ के साथ लौह तत्व भी प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिससे रक्त सुर्ख़ व शुद्ध होता है। तरबूज के रस से गर्मियों के मौसम में लू लगने का अंदेशा कम होता है। तपती गर्मी में सिरदर्द होने पर आधा-गिलास रस सेवन से लाभ हो जाता है। गर्मी में रोज तरबूज का ठंडा शरबत शरीर को शीतल रखता है। यह ऐसे लोगों के लिये बहुत ही उपयोगी माना जाता है, जिन्हें आसानी से नींद नहीं आती। भोजन पचाने में सहायक होता है। मोटापा कम करने में भी तरबूज का रस लाभकारी सिद्ध होता है। तरबूज पोलियो के रोगियों में लाभकारी माना जाता है, क्योंक यह खून बढ़ाता है। त्वचा रोगों में इससे फायदा होता है। इससे चेहरा चमकदार होता है। लाल गूदेदार छिलकों को हाथ-पैर, गर्दन व चेहरे पर रगड़ने से सौंदर्य निखरता है। सूखी खांसी में तरबूज लाभकारी माना जाता है। तरबूज की फांकों पर काली मिर्च पाउडर, सेंधा व काला नमक मिलाकर खाने से खट्टी डकार बंद हो जाती हैं। धूप में चलने से बुखार आने की स्थिति में फ्रिज में रखकर ठंडे किये गये तरबूज को खाने से फायदा होता है।

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