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गोरखपुर : बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गुर्दा मरीजों की जान से किया जा रहा खिलवाड़, जानिए पूरा मामला

बड़े पैमाने पर खरीदे गए जल्द एक्सपायर होने वाले डायलेजर

गोरखपुर।बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गुर्दा मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। गुर्दा मरीजों की डायलिसिस एक्सपायर हो चुके डायलेजर से की जा रही है। आरोप है कि इस बात की जानकारी मेडिकल कॉलेज के कुछ कर्मचारियों को भी है।बुधवार को डायलिसिस के दौरान एक मरीज ने डायलेजर की एक्सपायरी डेट देख ली तो मामला पकड़ में आया आया।बात बढ़ने पर इस मरीज को वहां मौजूद मेडिकलकर्मियों ने यह बात कहीं न बताने की भी धमकी दी।

जानकारी के अनुसार, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गुर्दा मरीजों की डायलिसिस जिस डायलेजर से की जा रही है वह सितंबर माह में ही एक्सपायर हो चुका है। इसके बावजूद मरीजों की जान खतरे में डाली जा रही है। वैसे भी गुर्दा मरीजों का मामला बेहद रिस्की होता है। उन्हें माह में दो बार डायलिसिस करानी ही पड़ती है। तभी उनका खून साफ रह पाता है और उनकी जान बच पाती है।मेडिकल कॉलेज में आठ बेड की डायलिसिस यूनिट है, जिसमें गुर्दा रोग से पीड़ित मरीजों की डायलिसिस होती है।

डायलिसिस के लिए मरीजों को डायलेजर मेडिकल कॉलेज मुहैया करा रहा है। मेडिकल कॉलेज जो डायलेजर दे रहा है वह सितंबर-2021 में एक्सपायर हो चुका है। इस पर मैन्युफैक्चरिंग डेट अक्तूबर 2018 लिखी है।आरोप है कि एक्सपायर डायलेजर से डायलिसिस करने की जानकारी मेडिकल कॉलेज के कुछ कर्मचारियों को है, लेकिन वह चुप्पी साधे हुए हैं। बुधवार को डायलिसिस कराने पहुंचे एक मरीज की नजर डायलेजर के एक्सपायर डेट पर पड़ गई। मरीज ने विरोध किया, जिसके बाद मामला सामने आया। इसके बाद मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने इस मरीज को धमकी दी है कि यदि भविष्य में यह बात सामने आई तो उसकी डायलिसिस नहीं होगी। डायलिसिस की जरूरत गुर्दा मरीजों को पड़ती है। ऐसे मरीजों मे खून में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे शरीर के दूसरे अंग फेल हो सकते हैं।

मरीज की जान बचाने के लिए डायलिसिस जरूरी होता है। डायलिसिस के लिए डायलेजर का तीन से चार बार प्रयोग किया जा सकता है।बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस यूनिट साल 2016 से चल रही है। शुरुआत में मेडिकल कॉलेज प्रशासन से मरीजों को डायलेजर नहीं मिलता था। मरीजों को बाहर से डेढ़ से दो हजार रुपये में खरीदना पड़ता था। 2017 में योगी सरकार बनने के बाद मरीजों की सुविधा के लिए शासन बड़े पैमाने पर डायलेजर की खरीद के लिए बजट मुहैया करा रहा है। बताया जा रहा है कि बड़े पैमाने पर ऐसे डायलेजर खरीदे गए हैं जिनकी एक्सपायर डेट बेहद नजदीक थी। अब वह डायलेजर एक्सपायर हो चुके हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एसआईसी डॉ. राजेश राय ने बताया कि आज मामले की जानकारी दी गई है। यह गंभीर लापरवाही है। जांच की जाएगी। अगर ऐसा हुआ होगा तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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