Breaking News
Home / उत्तर प्रदेश / कुशीनगर : केंद्र सरकार व जनप्रतिनिधि भूल गए छितौनी-तमकुहीरोड रेल परियोजना

कुशीनगर : केंद्र सरकार व जनप्रतिनिधि भूल गए छितौनी-तमकुहीरोड रेल परियोजना



-62.5 किमी रेल मार्ग चौदह वर्षों में बना नहीं पाए
-सांसद विजय दुबे ने लोस में मामला उठाया पर प्रगति शून्य

खड्डा कुशीनगर। केंद्र सरकार ने छितौनी-तमकुहीरोड के बीच 62.5 किमी लंबे रेललाइन मार्ग का निर्माण की महत्वाकांक्षी परियोजना को 14 वर्ष पहले 2007 में मंजूरी दी थी। इतना ही नहीं तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने खुद आकर छितौनी में इस परयोजना का शिलान्यास किया था। तत्पश्चात लालू प्रसाद यादव पदच्युत हुए और यह परियोजना बस्तख़ामोशी के हवाले हो गयी। टैब से लेकर अब तक 2009, 2014 व 2019 में लोकसभा के चुनाव हुए। कांग्रेस व भाजपा की सरकारें सत्ता में आईं, किन्तु किसी भी सरकार को यह रेल परियोजना याद नहीं आयी।

उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने इस रेल परियोजना की जद में आए 60 परिवारों के पुनर्वास के लिए जमीन का सीमांकन कर दिया। हालात यह हैं कि ठकरहा प्रखंड में 7.5 किमी की जद में आए 322 किसानों ने अपने दस्तावेजभू- अर्जन कार्यालय में जमा ही नहीं किया है।

कुशीनगर के विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते हुए कुशीनगर सांसद विजय कुमार दुबे ने छितौनी -तमकुही रेल परियोजना 62.5 किलोमीटर का मुद्दा देश की सदन में उठाया था। तब जाकर रेल प्रशासन उत्तर प्रदेश और बिहार प्रदेश की रेल मार्ग में पड़ी जमीनों का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया तेज हुई। इसी क्रम में बिहार के डीसीएलआर मोहम्मद इमरान ने श्रीपतनगर के समीप रेल लाइन से प्रभावित 60 परिवारों को भैसहिया गांव के दक्षिण खेसरा प्लाट 2522 में बसाने के लिए जमीन का सीमांकन कर दिया। वही ठकरहा प्रखंड में 7.5 किलोमीटर रेल लाइन की जद में आए 322 किसानों की वैठक कर जमीन के दस्तावेज भू अर्जन कार्यालय में जमा करने व मुआवजा लेकर जमीन छोड़ देने का आग्रह किया। लेकिन अभी तक न तो किसानों ने कोई कागजात जमा किया है। सनद रहे कि 20 फरवरी 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने उत्तर प्रदेश और बिहार प्रदेश के लोगों को सुगम रेल मार्ग उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पनियहवा से तमकुही रोड तक 62.5 किलोमीटर नई रेल मार्ग बनाने की परियोजना स्वीकृत कर 5 करोड़ रुपया इस परियोजना को दिया था।

जिसमें 37.7लाख घनमी०मिट्टी के कार्य के साथ-साथ 10 बड़े पुलों व 47 छोटे पुलों का निर्माण कराया जाना है ट्रैकलिकिंग कार्य के लिए 6500टन रेलो व एक लाख सीमेंट्स स्लीपरों का प्रयोग किया जाना है यह परियोजना पनियहवा से छितौनी3.35किमी०छितौनी से जटहां वाजार15.05 किमी० जटहां से मधुवनी28.7 किमी० मधुवनी से खैराटोला 38 किमी० खैराटोला से पिपराही 49.70किमी० पिपराही से तमकुही रोड 62.5 किमी०पर रेललाइन के साथ रेल स्टेशन का निर्माण होना था, लेकिन पनियहवा से छितौनी तक रेल लाइन व रेल स्टेशन सुदृढ़ कर लिए गए जो 14 बर्ष बीत जाने के बाद जीर्णशीर्ण हो गए हैं। इसके आगे की जमीन अधिग्रहण नहीं होने के कारण पूरी परियोजना अधर में पड़ गयीे है। वर्ष 2020 -21के बजट के दौरान रेल मंत्रालय ने इस परियोजना पर कोई बजट निर्धारित नहीं किया। ऐसे में यह परियोजना कैसे और कब पूरी होगी भविष्य के गर्भ मे है।

Check Also

बरेली : नौकर की मौत, हत्या का इल्जाम मालिक पर….

हाईवे के किनारे मिली लाश, विहिप ने की गिरफ्तारी की मांग शहर के बड़े घी ...