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कानपुर हिंसा : ATS की 2 जिलों में छापेमारी, उन्नाव और फतेहपुर में हयात के गुर्गों की तलाश

कानपुर हिंसा में सक्रिय बलवाई पड़ोसी जिलों से भी बुलाए गए थे l पूरे शहर को सांप्रदायिक आग में झोंकने के लिए शहर के सभी इलाकों से बलवाइयों को इकट्‌ठा किया गया था। अब ATS हिंसा में शामिल मास्टरमाइंड के साथी शातिर अपराधियों और बलवाइयों कों ढूंढ़ रही है। इसी तलाश में मंगलवार देर रात तक कानपुर शहर के साथ फतेहपुर और उन्नाव में छापेमारी जारी रही।

3 जून को हुई हिंसा में जमानत पर बाहर आए शातिर अपराधियों के साथ CAA के बलवाईयों के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है। इस बात का भी खुलासा हुआ है कि भारी संख्या में बच्चों से प्लानिंग के तहत कश्मीर की तर्ज पर पत्थरबाजी कराई गई है l ATS ने पूरी हिंसा के मास्टर माइंड हयात और उससे जुड़े लोगों के 8 मोबाइल की वॉट्सएप चैट की डिटेल भी मांगी है।

हिंसा भड़का वॉट्सएप कॉल और चैट में बिजी रहा हयात

घटना के बाद हयात और उसके शातिर साथियों के आठ मोबाइल सर्विलांस पर लगा दिए गए थे। लखनऊ में पकड़े जाने के पहले तक हयात वॉट्सएप कॉल और चैट के जरिए लोगों को निर्देश देता रहा था। इसी बीच कई वीडियो कॉल भी की गईं थीं। ATS अब इन कॉल की डिटेल खंगालने में जुट गई है। फोन में सभी चैट डिलीट होने के कारण हिंसा के बाद बातचीत की जानकारी नहीं मिल पाई है। इसके लिए वॉट्सएप के ऑफिस में चैट निकलवाने के लिए जरूरी कागजी कार्रवाई की जा रही है।

उन्नाव और फतेहपुर में हयात के गुर्गों की तलाश

जानकारी के मुताबिक ATS टीम ने हयात के गुर्गों की तलाश में फतेहपुर और उन्नाव में छापेमारी की है। टीम द्वारा यह कार्यवाही सोमवार की रात और मंगलवार को भी जारी रही l चर्चा है कि इन दोनों ही जिलों से कई शातिर सीधे तौर पर कानपुर हिंसा में सक्रिय रहे है। इतना ही नहीं, इन शातिरों के तार दूसरे राज्यों में प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े होने की बात कही जा रही है।

देशद्रोह का मामला आया सामने

कानपुर हिंसा मामले में देशद्रोह का मामला सामने आने की बात कही जा रही है। सभी जांच एजेंसियां अब इसी दिशा में आगे की कार्यवाही में लग गई हैं। हयात के PFI से संपर्क सामने आने के बाद कई बातें पुख्ता हो गई है। ATS अब सभी बिंदुओं पर छानबीन में लग गई है। जैसे 3 जून को ही PFI ने केरल और मणिपुर सहित बंद का आह्वान किया था। उसी दिन कानपुर में बंदी और उसके बाद हिंसा होने के तार जुड़ रहे हैं।

घटना को अंजाम देकर फरार हैं शातिर

कानपुर हिंसा को बेकाबू करने के लिए शहरभर के अपराधियों की जमात जुटाई गई थी। यह खुलासा रिपोर्ट में हुआ है। शासन को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक, दंगे के लिए नई सड़क पर शहर के कोने-कोने से अपराधी जुटाए गए थे। पुलिस ने जिन दंगाइयों को दबोचा और जिनकी फोटो पोस्टर में हैं, उनमें कई शातिर अपराधी हैं।

इनका आपराधिक इतिहास भी है और यह जमानत पर बाहर हैं। हयात के संगठन के शहर पदाधिकारी के घर रावतपुर में छापेमारी की गई, लेकिन वह फरार हो गया। ATS ने जिसकी तलाश में दबिश दी थी, 2004 में उसके पिता कि हत्या जमीन के एक विवाद में की गई थी।

यह है मामला

शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नई सड़क पर भीड़ ने दंगा भड़काया था। जमकर पथराव और बमबाजी हुई थी। इससे शहर का माहौल हुआ था। इसके बाद ही पुलिस ने छानबीन शुरू की थी। इस मामले में अब तक 50 आरोपी अरेस्ट हो चुके हैं। इसके अलावा, पुलिस ने 40 दंगाइयों का पोस्टर भी जारी किया था।

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