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कानपुर हिंसा : मास्टर मांइड को फंडिंग करने वाले मुख्तार पर तीन और एफआईआर दर्ज

– तीन एफआईआर में एक पाकिस्तानी नागरिक समेत 26 को बनाया गया आरोपी

– मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा करके बाबा बिरयानी हाउस खोलने का आरोप

कानपुर, 24 जून (हि.स.)। कानपुर हिंसा के मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी को फंडिंग करने के आरोप में जेल भेजे गये बाबा बिरयानी हाउस के मालिक मुख्तार बाबा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। तीन शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर पुलिस ने उसके खिलाफ तीन और एफआईआर दर्ज कर ली है। इनमें मुख्तार और उनके परिजनों सहित 26 लोगों को आरोपी बनाया गया है जिसमें एक पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल है। आरोप है कि मुख्तार ने मंदिर की जमीन दबंगई के जरिये अवैध कब्जा किया और फिर सांठगांठ करके जमीन को अपने परिजनों के नाम करा दिया।

नई सड़क बवाल और हिंसा के केस में फंसे बाबा बिरयानी दुकान के मालिक मुख्तार बाबा पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। हालांकि कानपुर हिंसा के मास्टर माइंड को फंडिंग करने के आरोप में वह जेल में बंद हैं। तीन शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर पुलिस ने मुख्तार समेत 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें तीन अज्ञात हैं। आरोप है कि दो मंदिरों का अस्तित्व मिटा जमीन पर अवैध कब्जा कर बाबा बिरयानी होटल बनवाया। दो केस बजरिया और एक केस चमनगंज थाने में दर्ज किया गया है। ऐसे में अब पुलिस बाबा बिरयानी हाउस पर बुलडोजर चलाने की तैयारी में हैं। हालांकि, पुलिस के मुताबिक बिरयानी हाउस पर होने वाली कार्रवाई अवैध निर्माण की वजह से हो रही है। लेकिन यह भी बताया जा रहा है कि जांच में ये साफ हो चुका है कि राम जानकी मंदिर तोड़कर बिरयानी हाउस बनाया गया है।

इन्होंने दर्ज कराई एफआईआर

बजरिया में रहने वाले जूनियर हाई स्कूल में प्रधानाचार्य सैयद अदीबुल कदर की तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। तहरीर में उन्होंने लिखा है, बेकनगंज के डॉ. बेरी चौराहा पर रहता हूं। बचपन में मैंने देखा था कि बगल वाले मकान में राम जानकी मंदिर था। इस मंदिर परिसर में 18 हिन्दुओं की दुकानें थीं। 1931 के दंगे के बाद ये सभी पलायन कर गए थे। इसके बाद मंदिर तोड़कर उस पर बाबा बिरयानी हाउस खड़ा कर दिया गया। पुलिस ने तहरीर पर मुख्तार बाबा, मौला बख्श, असरारुल हक उर्फ पप्पू सुनार, महफूज आलम, इल्तिफात हुसैन, मो. वकार, इरशाद, एहतिशामुल, पाकिस्तानी नागरिक आबिद रहमान, मुख्तार की मां हाजरा बेगम, बाबा मुमताज अहमद, भाई मुश्ताक अहमद, शिव चरण गुप्ता और मो. समी को आरोपी बनाया है।

बजरिया थाने में दूसरी एफआईआर कराने वाले एहसानुहक अंसारी के मुताबिक रामजानकी मंदिर ट्रस्ट में उनके पिता की भी एक पतंग की दुकान थी। जब हिंदुओं की दुकानें ढहाई गईं तो उसकी दुकान को भी नहीं छोड़ा गया। उसे भी ढहा दिया गया था। विरोध पर डी-टू गैंग के अपराधियों से मुख्तार बाबा धमकी दिलवाता था। एहसानुहक की तहरीर पर पुलिस ने मुख्तार बाबा, छुट्टन, सलाउद्दीन, मोबीन, महबूब आलम, महमूद उमर, व तीन अज्ञात पर नामजद व तीन अज्ञात पर केस दर्ज किया।

चमनगंज थाने में तीसरी एफआईआर के वादी उदय शंकर ने आरोप लगाया है कि प्रेम नगर में प्राचीन शिव मंदिर था। नगर निगम के रिकॉर्ड में ये प्राचीन शिव मंदिर दर्ज है। मुख्तार बाबा ने अपनी बेटी नाज आयशा के नाम पर इस जमीन की रजिस्ट्री करवा दी। इस मामले की जांच चमनगंज थाने की पुलिस ने शुरू की है।

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