जिले से निकली 91 किलोमीटर लंबी मोक्षदायिनी सरायन का होगा कायाकल्प, वर्ष 22-23 में शुरू होगा कार्य
मनरेगा ने तैयार किया प्लान, स्टीमेट की तरफ बढ़ाए कदम
सीतापुर। जिले की धरती पर 91 किलोमीटर का सफर करने वाली मोक्षदायिनी सरायन नदी वर्तमान में अपनी किस्मत पर सिसक रही है। यह अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। गंदगी से जकड़ी सरायन का उद्धार करने का बीड़ा मनरेगा विभाग ने उठाया है। 2022-23 के सापेक्ष वर्ष में यह कार्य शुरू होगा। सरायन का जीर्णोद्धार करने के लिए इसकी पूरी सफाई होगी। 91 किलोमीटर की लंबाई में इस नदी के दोनों तरफ पड़ने वाले समस्त तालाबों का सुंदरीकरण कराया जाएगा। इसमें गिरने वाले नालों का भी जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इसे हरियाली का रूप देने के लिए इसके दोनों किनारों पर बांस लगाए जाएगे। जो कि इसके किनारों को कटने से रोंकेगे। मनरेगा विभाग ने इसका प्लान तैयार कर लिया है। इस कार्य पर आने वाले खर्च का स्टीमेट बनने की ओर है।
बताते चलें कि शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली सरायन नदी का उद्गम गोला गोकरननाथ के निकट अहमदनगर से है। जिले की सीमा में इसका प्रवेश ऐलिया ब्लॉक के सधुवापुर के पास से होती है। शहर के बीचोबीच से होकर बहने वाली सरायन नदी की लंबाई जिले में करीब 91 किलोमीटर है। सीतापुर, रामकोट, कमलापुर क्षेत्रों में होकर बहने वाली सरायन नदी सिधौली इलाके में भटपुर के पास आदि गंगा गोमती में मिल जाती है। बीते अनेकों वर्षो से सरायन सरायन कराहती आ रही है। इनके दोनों किनारों पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर रखा है जबकि गंदगी की भरमार है। जिसके चलते यह अपना वजूद खोती जा रही है। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि सरायन ने सिकुड़कर नाले का स्वरूप ले लिया है।
सभी ग्राम पंचायतों में बनेंगे कम्यूनिटी हाल व अन्त्येष्टि स्थल
जिले की समस्त ग्राम पंचायतों में कम्यूनिटी हाल बनाए जाएंगे। इनमें ग्राम पंचायतों में होने वाले सभी फक्शन हुआ करेंगे। वहीं जिले की सभी ग्राम पंचायतों में अन्त्येष्टि स्थल बनेगे। यह कार्य भी मनरेगा विभाग ही कराएगा। जिन ग्राम पंचायतों में पहले से ही अन्त्येष्टि स्थल बने हैं उनमें यह कार्य नहीं होंगे। स्टीमेट के बारे में बताया जाता है कि जिस ग्राम पंचायत का जैसा क्षेत्रफल होगा उसी हिसाब से उसका स्टीमेट होगा।
प्रत्येक ब्लाक पर बनेगा राशन भंडारण
जिले के प्रत्येक ब्लाक पर फू्रड ग्रेन स्टोरेज स्टक्चर बनाए जाएंगे। जिसमें सरकार द्वारा खरीदा जाने वाला राशन रखा जाएगा। इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हर माह उठान किया जाने वाला राशन भरा जाएगा। जिससे क्षेत्र के कोटेदारों को राशन उठाने में आराम हो जाएगी। यह कार्य भी मनरेगा विभाग द्वारा ही कराया जाएगा।
ब्लाकों में बनेगी हाईटेक नर्सरी
जिले के सभी विकासखंडों में हाईटेक नर्सरी बनेगी। यह अत्याधुनिक सुविधाओं से पूरी तरह से लैस होगी। इसके बन जाने के बाद इसकी देखरेख फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन करेगा। इसका कार्य भी मनरेगा विभाग से ही कराया जाएगा।