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सीतापुर : फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी कर रहे चार शिक्षकों पर गिरी गाज, ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

– अभिलेखों की जांच में फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा
 
– एसटीएफ की जांच में पाए गए दोषी 
 
बीईओ ने पिसावां थाने में दर्ज कराया मुकदमा
महोली-सीतापुर। करीब एक साल पहले सीतापुर में अभिलेखों में छेड़छाड़ कर नौकरी कर रहे 20 शिक्षकों पर शिक्षा विभाग का चाबुक चला था। ऐसे शिक्षकों को न सिर्फ नौकरी से हाथ धोना पड़ा था, बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की गयी थी। तब से शिक्षा विभाग लगातार शिक्षकों के अभिलेखों की जांच कर रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को पिसावां इलाके के चार सहायक अध्यापक फर्जीवाड़े में संलिप्त पाए गए। जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जा रही है। अभी भी शिक्षा विभाग की ऐसे जालसाजों पर पैनी निगाहें जमी हुई है। सीतापुर में फर्जीवाड़ा कर नौकरी करने वालों की अब खैर नही। फर्जीवाड़े को लेकर शिक्षा विभाग बेहद चौकन्ना है।
बता दें कि अभिलेखों में फर्जीवाड़ा कर नौकरी कर रहे चार शिक्षकों पर शुक्रवार को पिसावां थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। चारों आरोपी पिसावां क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात थे। एसटीएफ की जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। बीईओ शैलेश द्विवेदी ने चारों आरोपियों के खिलाफ पिसावां थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रेमपुर में सुनील कुमार पुत्र महिपाल, उच्च प्राथमिक विद्यालय ससुरदीपुर में संजय प्रकाश पुत्र मालती प्रसाद, उच्च प्राथमिक विद्यालय माथन में वंदना पाल पुत्री गौरीशंकर, उच्च प्राथमिक विद्यालय जलालनगर में कृष्ण कुमार त्रिपाठी फर्जी अभिलेखों के सहारे सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। चारों आरोपियों की एसटीएफ द्वारा जांच की गयी। जिसमें वह दोषी पाए गए। सभी आरोपी फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी कर रहे थे। एसटीएफ की रिपोर्ट पर खंड शिक्षा अधिकारी शैलेश द्विवेदी ने पिसावां थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है।
बीईओ शैलेश द्विवेदी ने बताया चारों शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे थे। एसटीएफ की जांच में सभी आरोपी दोषी पाए गए हैं। पिसावां थाने में तहरीर दे दी गयी है। आरोपियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।  एसओ पिसावां अमित सिंह भदौरिया ने बताया बीईओ द्वारा आरोपी शिक्षकों की तहरीर मिली है। केस दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

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