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सीतापुर : नर बलि की भेंट चढ़ने से बाल-बाल बचा युवक, महोली इलाके के डिघरा गांव की घटना

फ्लैश- महोली पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
फ्लैश- पुलिस पर मारपीट कर जबरन सुलह लिखाने का आरोप
फ्लैश- महोली इलाके के डिघरा गांव की घटना

महोली-सीतापुर। 22 जून को महोली इलाके के डिघरा गांव के एक युवक की गांव के ही लोगों पर बलि दिए जाने के प्रयास का आरोप है। घटना के बाद से युवक काफी डरा व सहमा हुआ है। जिसकी दो वजहें सामने आ रही हैं। अव्वल उसकी जान बाल बाल बची, दूसरी वजह महोली पुलिस की कार्यशैली है। आरोप है पीडि़त जब अपने परिजनों के साथ 23 जून को इंसाफ के लिए कोतवाली पहुंचा तो उसकी फरियाद सुनना तो दूर की बात है। उसे कोतवाली से दुत्कार कर भगा दिया गया। दूसरे दिन दोबारा फिर वह कोतवाली पहुंचा। इस बार पुलिस ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी और उससे जबरन सुलहनामा लिखा लिया। इंसाफ न मिलने से दलित परिवार सदमें में है। वहीं महोली पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरों में है।

डिघरा निवासी नंदराम पुत्र चारञ्जू लाल पासी का आरोप है गांव के ही राहुल पुत्र पंजाबी ब्राह्मण उसकी बलि देने की फिराक में थे। 22 जून को राहुल उसे अपने घर बुला कर ले गया। वहां राहुल के साथ दो और लोग थे। राहुल को घर में कैद कर दिया और उसकी बलि देने की तैयारी शुरू हो गयी। नंदराम ने बताया राहुल के साथियों में एक तांत्रिक जैसा था। उसने कुछ मंत्रों का उच्चारण किया और अक्षत व पुष्प उसके सिर फेंके। जिससे उसे कुछ अजीब सा महसूस हुआ और चक्कर आने लगे। इसी बीच कुछ लोगों ने एक बड़ा गड्ढा खोद डाला।

वह लोग नंदराम की बलि देकर गढ्ढे में दबा देना चाहते थे। नंदराम सभी की बात ध्यान से सुन रहा था। उसे अहसास हो चुका था वह लोग उसे जान से मार देंगे। नंदराम ने उनसे बचने के लिए सूझबूझ दिखाई और एक योजना बनायी। उसने उन लोगों से कहा उसे सौंच के लिए जाना है। काफी न नुकुर के बाद वह लोग राजी हो गए। सौंच का झांसा देकर नंदराम किसी तरह वहाँ से निकलने में कामयाब रहा।

अपने घर पहुंच कर उसने सारी आपबीती परिजनों को बताई। गुस्साए परिजनों ने पहले 112 नम्बर पर घटना की सूचना पुलिस को दी। लेकिन कोई बात नही बनी तो उसके बाद 23 जून को कोतवाली में नामजद तहरीर दी। महोली पुलिस ने उसे दुत्कार कर भगा दिया। इसके बाद ग्रामीणों को एकत्रित कर नंदराम के परिजनों ने 24 जून को दोबारा कोतवाली में तहरीर दी। इस बार पुलिस ने आरोपित को पकड़ने के बजाय नंदराम की बेरहमी से पिटाई कर दी और दबाव बनाकर जबरन उससे सुलहनाम लिखा लिया। पुलिस की कार्यशैली से परिजन व नंदराम काफी सदमें में है। परिजन इसकी शिकायत एसपी से करने की फिराक में हैं। अब देखना यह है नंदराम को इंसाफ मिलता है या नही। लेकिन महोली पुलिस की कार्यशैली से नंदराम के परिजन व रिश्तेदार काफी आहत हैं।

नंदराम के बदन पर चोट के स्याह निशान
नंदराम के शरीर पर कई जगह चोट के निशान है। उसका आरोप है पुलिस ने उसकी बेरहमी से पिटाई की। जिसकी वजह से उसके शरीर के कई हिस्सों में स्याह निशान पड़ गए। इस घटना के बाद आरोपित अपने घर में ताला लगाकर कहीं शरणागत हो गए। जिससे उनकी कार्यशैली भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है। पूरे घटनाक्रम में आरोपियों के साथ-साथ पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। आरोपियों के घर के बाहर गहरा गढ्ढा खुदा हुआ है।

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