-इस बार नहीं चल पाएगी फर्जी किसान आईडी
-गोलमाल पर रोक लगाने के लिए शासन ने बनाई नई रणनीति
-बिना ओटीपी के धान बिक्री का पंजीकरण नहीं करा सकेंगे किसान
सीतापुर। फर्जी किसान बनकर धान की सरकारी बिक्री करने वाले लोग सावधान हो जाए। शासन ने ऐसी रणनीति बनाई है जिससे फर्जी किसान इस बार कोई भी बहाना बनाकर धान नहीं बेच पाएगा। इस बार किसान पंजीकरण की प्रक्रिया तभी पूर्ण होगी जब मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगी। यही नहीं किसान को अपना आधार संख्या तथा उसी मोबाइल नंबर को भी भरना होगा। वहीं शासन ने इस बार सौ-सौ रूपया कुटल धान खरीद की सरकारी रेट में बढ़ोत्तरी की है।
जिला खाद्य विपणन अधिकारी अरविन्द कुमार दुबे ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत शासन द्वारा जनपद में 01 अक्टूबर 2022 से न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत सीधे किसानों से धान क्रय किया जाना प्रस्तावित है।
वेबसाइट पर धान खरीद हेतु किसान पंजीकरण प्रारम्भ हो चुके है। इस वर्ष कृषक पंजीकरण प्रकिया आधार ऑथेटिकेशन के माध्यम से होनी है, जिसमें पंजीकरण के समय कृषकों के आधार में दर्ज मोबाइल नम्बर पर एक ओ०टी०पी० प्राप्त होगी जिसका प्रयोग कर पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण होगी।
कृषक के आधार पर अंकित अग्रेजी नाम व आधार संख्या ही भरना होगा, कृषक अपनी भूमि का ही जनपद चुने क्योंकि भूमि इसी जनपद की मान्य होगी। कृषक अपने आधार मे पंजीकृत मोबाइल नम्बर को अवश्य जॉच लें क्योंकि किसान पंजीकरण करते समय मात्र 03 बार ही ओ०टी०पी० 24 घण्टे मे अधार पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर प्राप्त हो सकेगा। ओ०टी०पी० सत्यापन के पश्चात पंजीकरण फार्म मे सभी आवश्यक विवरण भरे।
इस सन्दर्भ में ऐसे कृषकों जिनके आधार मे मोबाइल नम्बर दर्ज नही है या उनका मोबाइल नम्बर बदल चुका है, उनकी पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण न होने की दशा में उन्हें कय केन्द्रों पर धान विक्रय करने में कठिनाई हो सकती है। उन्होंने जनपद में 396 किसानों द्वारा धान विक्रय किये जाने हेतु पंजीकरण कराया जा चुका हैं, कृषकों से अपील है कि अपना धान विक्रय करने हेतु वेबसाइट पर अपना पंजीकरण अविलम्ब कराये, जिससे धान विक्रय करने मे कोई समस्या न हो। ज्ञात हो अनेकों बार ऐसे मामले सामने आए हैं जिसके तहत उनके पास एक बिसुआ भी धान नहीं लगा है लेकिन व सैकड़ों कुंटल की बिक्री करते है। ऐसे कुछ फर्जी किसानों पर मुकदमा भी बीते वर्ष दर्ज हो चुका है।
धान पर सौ-सौ रूपया शासन ने बढ़ाया
बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष शासन ने ग्रेड ए तथा कामन धान पर सौ-सौ रूप्या का इजाफा किया है। बीते वर्ष सरकारी धान की खरीद 1940 रूपया प्रति कुब्ल कामन की थी जबकि बीस रूप्या अधिक 1960 रूप्या प्रति कुंटल ग्रेड ए धान की कीमत थी। इस वर्ष शासन ने दो ग्रेड पर सौ-सौ रूप्या का इजाफा किया है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी अरविन्द कुमार दुबे ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत शासन द्वारा इस वर्ष कामन धान-2040 रू० व ग्रेड ए का 2060 रू० प्रति कुन्तल समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है।
बीते वर्ष प्रभावित हुई थी धान खरीद
बीते वर्ष 21-22 में धान खरीद का लक्ष्य 2,23,000 मैट्रिक टन का था मगर बाढ़ का प्रभाव होने से उत्पादन में असर पड़ा जिससे खरीद पर प्रभाव पड़ा और लक्ष्य का 91 प्रतिशत ही खरीद हो सकी। श्री दुबे ने बताया कि बीते वर्ष दो लाख तीन हजार मैट्रिक टन की ही खरीद हो सकी थी।