पैसेंजर ट्रेन के सहारे यात्रा करते है मुसाफिर
मुसाफिर कई वर्षों से ट्रेनों की सुविधा का कर रहे इंतजार
महोली-सीतापुर। महोली रेलवे स्टेशन से एक दर्जन से अधिक एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं। यहां ठहराव न होने से यात्री ट्रेन की सुविधा का लाभ लेने से वंचित हैं। ट्रेनों के ठहराव के लिए यात्रियों की तमाम कोशिशें नाकाम रही। यात्री सिर्फ एक पैसेंजर ट्रेन पर निर्भर हैं। यात्रियों की ये समस्या वर्षों पुरानी है। यहां से मुसाफिर व्यापार आदि के सिलसिले में दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी आदि तमाम जगहों के लिए आते-जाते हैं। ट्रेन से सफर करना है तो यात्री अन्य वाहन से पहले या तो सीतापुर जाए अथवा शाहजहांपुर। जबकि एक दर्जन से अधिक ट्रेनें महोली रेलवे स्टेशन से गुजरती हैं।
यहां एकमात्र पैसेंजर ट्रेन सीतापुर से शाहजहांपुर की दूरी तय करती है। जिसका प्रयोग सैकड़ों मुसाफिर मजबूरन करते हैं। पैसेंजर ट्रेन से सफर करना किसी चुनौती से कम नही है। एक तरफ जहां वक्त जाया होता है, वहीं गंतव्य तक पहुंचने के लिए हमेशा विलंब होता है। इस घनघोर समस्या से निजात पाने के लिए पिछले कई वर्षों से कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन समस्या से अभी तक निजात नही मिली है। व्यापारियों व यात्रियों ने शासन से कई बार फरियाद की। लेकिन समस्या का कोई समाधान नही हुआ।
यहां से कामख्या एक्सप्रेस जम्मू से कटरा, जननायक एक्सप्रेस दरभंगा से अमृतसर, सत्याग्रह एक्सप्रेस दिल्ली से रक्सौल तक का सफर तय करती है। सभी ट्रेनों का ठहराव सीतापुर व शाहजहांपुर है। ट्रेन से सफर करने वाले मुसाफिर एनएच 24 से अन्य किसी वाहन से सीतापुर या शाहजहांपुर पहुंचते हैं। जिसके लिए यात्रियों को काफी संकट का सामना करना पड़ता है।
ट्रेन से यात्रा सबसे सुलभ व सुरक्षित
मुसाफिर रोडवेज व अन्य वाहन के सापेक्ष ट्रेन से सफर करना बेहतर मानते हैं। ट्रेन से सफर करने में अतिरिक्त व्यय नही होता है। साथ ही ट्रेन यात्रा सबसे सुरक्षित मानी जाती है। यहां ट्रेनों का ठहराव न होने के कारण यात्रियों को अतिरिक्त भागदौड़ व व्यय करना पड़ता है। ट्रेन में बस या अन्य वाहनों के सापेक्ष सुविधाएं भी अधिक हैं।