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वृक्षारोपण अभियान : सभी विभागों को लक्ष्य के अनुरूप माइक्रो प्लान तैयार करने का निर्देश

-मुख्य सचिव ने सभी विभागों के साथ की वृक्षारोपण अभियान के तैयारियों की समीक्षा

लखनऊ, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वृक्षारोपण अभियान-2023 को सफल बनाने के लिए गुरुवार को सभी विभागों के साथ तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सभी विभागों को अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के निर्देश दिए।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि वृक्षारोपण अभियान के तहत मुख्यमंत्री द्वारा 35 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 22 जुलाई को 30 करोड़ और 15 अगस्त को 5 करोड़ पौधों को रोपित किया जाना है। इस वर्ष सभी विभागों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने सभी विभागों को लक्ष्य के अनुरूप माइक्रो प्लान तैयार करने का निर्देश दिया और कहा कि 22 जुलाई से पूर्व चिह्नित स्थानों पर गड्ढों की खुदाई तथा रोपित किए जाने वाले पौधे की प्रजाति व हितधारक के चयन की कार्यवाही प्रत्येक दशा में पूरा कर लिया जाए। पौधों की निगरानी के लिये शत-प्रतिशत पौधों की जियो टैगिंग करायी जाए। पुनः उसी स्थान पर वृक्षारोपण न हो, इसके लिए टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया जाए। जीआईएस तकनीकी से वृक्षारोपण स्थलों का पॉलीगन निर्माण कराया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जनपदों के लिए नामित नोडल अधिकारी 20 जुलाई को अपने जनपदों में पहुंचकर वृक्षारोपण की तैयारियों की समीक्षा कर इस अभियान को सफल बनाएं। समस्त नोडल अधिकारियों द्वारा जनपद भ्रमण के दौरान न्यूनतम 3 स्थलों पर वृक्षारोपण में प्रतिभाग किया जाए। वृक्षारोपण अभियान का आयोजन एक उत्सव के रूप में किया जाए। जलवायु परिवर्तन से बचने, पर्यावरण को बचाने और जीवित रहने के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण आवश्यक है, इसलिए पर्यावरण संरक्षण को समर्पित इस आंदोलन को सभी सक्रिय सहभागिता कर सफल एवं सार्थक बनाएं। निर्धारित लक्ष्य को कम मानते हुए प्रदेश में लक्ष्य से अधिक पौधों का रोपण होना चाहिए। पौध रोपण के साथ-साथ उनके सर्वाइवल पर भी ध्यान दिया जाए।

22 जुलाई प्रदेश के सभी कार्यालयों में आधे दिन का अवकाश

उन्होंने कहा कि अभियान के दृष्टिगत 22 जुलाई प्रदेश के सभी कार्यालयों में आधे दिन का अवकाश रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस दिन प्रदेश के समस्त कर्मियों द्वारा कम से कम एक पेड़ घर, घर के बाहर, पार्क, सड़क, कॉलोनी आदि में अवश्य लगाया जाए और पेड़ के साथ तस्वीर को हरीतिमा अमृत वन मोबाइल एप पर अपलोड किया जाए। इसके अलावा कर्मियों द्वारा स्वतः प्रेरणा से अपनी कॉलोनी, मोहल्ले में वृहद वृक्षारोपण महोत्सव का आयोजन कर लोगों को इस अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित करें।

हर गांव व वार्ड में लगाएं कम से कम 1000 पेड़

मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक राजस्व ग्राम व नगरीय क्षेत्र में प्रत्येक वार्ड में कम से कम 1000 पेड़ लगाए जाएं। इसके लिए ग्राम सभा की खुली बैठक में प्रस्ताव पारित किया जाए। ‘हर खेत में मेड़, हर मेड़ पर पेड़’ के तहत किसानों को मेड़ों पर पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। नगर निकायों में इस संबंध में विशेष बैठक का आयोजन कराया जाए। हर घर नल योजना के तहत जिन लोगों को नल कनेक्शन दिए गए हैं, उनके द्वारा भी कम से कम एक पौधे का रोपण कराया जाए।

निजी क्षेत्र की संस्थाओं को भी बनाएं अभियान का हिस्सा

उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण अभियान में निजी क्षेत्रों, एनजीओ, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं, एनएसएस, स्काउड गाइड, एनसीसी आदि को भी सम्मिलित किया जाए। दो लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में नन्दन वन की स्थापना की जाये। इसके अतिरिक्त अभियान के तहत ग्राम वन और आयुष वन की स्थापना करायी जाए। उद्योगों के सीएसआर फण्ड (कार्पाेरेट सामाजिक दायित्व) व सीईआर (कारपोरेट इन्वायरनमेन्टल रिसपोन्सविलिटी) से भी वृक्षारोपण कार्य कराया जाए। शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के द्वारा पौधारोपण कराया जाए।

गांवों में खाली पड़ी जमीनों पर हो वृक्षारोपण

उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजनान्तर्गत सामुदायिक व अन्य खाली पड़ी भूमि पर वृक्षारोपण कराया जाए। ग्राम सभा, नवीन, पुरानी परती भूमि बंजर भूमि, चारागाह, नदी किनारे की भूमि, ग्रामीण सडकों के किनारे, खेल के मैदान, अमृत सरोवर के चारो तरफ वृक्षारोपण कराया जाए। एनजीटी द्वारा टिम्बर इंडस्ट्री पर लगायी गई रोक को हटा दिया गया है, इसलिए किसान अब पेड़ों को बेच भी सकते हैं। कृषि व अन्य निजी भूमि प कृषि वानिकी को प्राथमिकता दिया जाए। लोक निर्माण विभाग द्वारा बुन्देलखंड और पूर्वांचल सहित अन्य सड़क मार्गों के किनारे वृक्षारोपण कराया जाए। जिला एवं तहसील न्यायालयों तथा ग्राम पंचायतों में भी वृक्षारोपण कराया जाए।

बैठक में बताया गया कि अभियान के तहत कुल निर्धारित लक्ष्य 35.24 करोड़ पौधा रोपण के सापेक्ष वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन को 14 करोड़, ग्राम्य विकास को 12.59 करोड़, राजस्व को 1.06 करोड़, पंचायतीराज को 1.28 करोड़, कृषि को 2.50 करोड़, उद्यान को 1.55 करोड़ सहित अन्य समस्त विभागों के लिए भी लक्ष्य निश्चित किए गए हैं। समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी सहित संबंधित समस्त विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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