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वाराणसी : सावन से पहले नवनिर्मित दशाश्वमेध भवन होगा गुलजार, जानिए क्या है तैयारी

-योगी सरकार कैफ़े, फ़ूड कोर्ट कम रेस्टोरेंट खोलने जा रही, परोसा जाएगा देश के सभी राज्यों का ख़ास व्यंजन

– उपवास में भी शिवभक्तों को मिलेगा व्रत का खाना व फलहार

वाराणसी,  (हि.स.)। दशाश्वमेध घाट के पास वर्षों से पड़ी अनुपयोगी जगह को उपयोग में लाकर योगी सरकार इसे गुलजार करने जा रही है। नवनिर्मित दशाश्वमेध भवन में जल्दी ही मल्टी कुजिन रेस्टोरेंट खुलने वाला है। रूफ टाफ कैफ़े, फ़ूड कोर्ट और रेस्टोरेंट में देश के सभी प्रांतों के ख़ास व्यंजन परोसे जाएंगे।

काशी का एहसास देने वाले इंटीरियर के साथ ही पर्यटक बनारसी पूड़ी कौचौड़ी, चाट, लस्सी और ठंडाई का भी आनंद ले सकेंगे। सावन माह में गंगा में डुबकी लगाकर बाबा विश्वनाथ को जल चढ़ाने वाले शिव भक्तों को अब ज्यादा देर तक भूखा नहीं रहना पड़ेगा। उनके मन पसंद का हर तरह का व्यंजन यहां मिलेगा।

योगी सरकार ने दशाश्वमेध घाट के पास वर्षों से बेकार पड़े अर्धनिर्मित स्थान का निर्माण कराके पर्यटकों के लिए उपयोगी दशाश्वमेध भवन बनवाया है। यहां सावन के पहले कैफ़े, फ़ूड कोर्ट कम रेस्टोरेंट खुलने जा रहा है। उडुपी टू मुंबई के चेयरमैन शिव चंद्र शेट्टी ने बताया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद ये उनका दूसरा रेस्टोरेंट होगा। यहाँ देश के सभी प्रदेशों का ख़ास व्यंजन परोसा जाएगा। उपवास में भी भक्तों को व्रत का खाना व फलहार मिलेगा। भवन के रूफ टाफ पर कैफे भी होगा।

गौरतलब हो कि पुरातनता को कायम रखते हुए काशी नए कलेवर में दिखने लगी है। विकास के नए आयाम को छूती हुई काशी अत्याधुनिक और सुख सुविधाओं के साथ देश के लिए मॉडल शहर बनती जा रही है। इसकी बानगी दशाश्वमेध घाट के पास दशाश्वमेध भवन की इमारत है। जो घाट के किनारे सदियों से खड़े मान मंदिर भवन के वास्तु से मिलती जुलती है। दशाश्वमेध भवन एक व्यावसायिक केंद्र की तरह विकसित किया गया है। जहां बनारस की हर आम और खास चीजें मिलेंगी। तीन मंजिला इमारत में करीब 187 दुकानें हैं। इससे सैकड़ों लोगों को रोज़गार भी मिलेगा।

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