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लोकसभा चुनाव 2024 : राजनीतिक घराने के बड़े नेता की लोकसभा में होगी फिर एंट्री, टिकट के लिए युवा लगा रहे दौड़ तो बुजुर्गों में….

लोकसभा चुनाव : कई दिग्गज बदलेंगे ठिकानें, कुछ के कटेंगे टिकट, युवा नेताओं को मिलेगी तरजीह

बरेली। 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव में भले ही नौ माह का वक्त है, लेकिन सियासी लोगों ने अपनी जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। बरेली मंडल में तीन से चार सांसदों के टिकट कट सकते हैं। पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी और बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य की भाजपा से बढ़तीं दूरियां जग जाहिर हैं। इसके अलावा भी मंडल की दो लोकसभा सीटों के प्रत्याशी बदले जाने की चर्चा जोरों पर है।

राजनीतिक घराने के बड़े नेता की लोकसभा में होगी फिर एंट्री

बरेली मंडल के एक राजनीतिक घराने के बड़े नेता की फिर से लोकसभा में एंट्री की तैयारी है। इससे पहला चुनाव वह भाजपा के खिलाफ लडे़ थे और हार गए थे। अब वह भगवा खेमे में मंत्री हैं। उन्हें उनके जिले से हटाकर दूसरे जिले की लोकसभा से चुनाव लड़ाने की तैयारी चल रही है। भाजपा से बगावत का बिगुल फूंकने वाले राजनीतिक घराने के एक और युवराज भी अपनी सीट बदलने की फिराक में हैं। वह भी दूसरे जिले में चक्कर लगा रहे हैं। बरेली की पीलीभीत और बदायूं लोकसभा सीटों का इतिहास रहा है कि यहां पर बाहरी नेताओं ने जीत दर्ज की है। इस वजह से बाहरी कद्दावर नेता इन्हीं दोनों सीटों पर नजरें जमाए बैठे हैं।

टिकट के लिए युवा लगा रहे दौड़ तो बुजुर्गों में खलबली

भाजपा से बरेली लोकसभा टिकट के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और आठ बार के सांसद संतोष गंगवार का नाम ही चर्चा में है। उनके समर्थक भी आश्वस्त हैं कि वह सभी बाधाओं को पार कर दिल्ली की नई लोकसभा की शोभा बढ़ाएंगे। पार्टी के कुछ युवा टिकट दावेदार छुपे रुस्तम के तौर पर लखनऊ से लेकर दिल्ली, नागपुर और गुजरात तक अपनी लॉबिंग तेज करने में जुटे हैं। आरएसएस और भाजपा में मजबूत पकड़ रखने वाले एक युवा भाजपा नेता ने बरेली से लोकसभा टिकट की मजबूत दावेदारी पार्टी हाईकमान से की है। संघ नेतृत्व का एक धड़ा भी युवा नेता को बड़े पद पर देखना चाहता है। दिल्ली और नागपुर में इन युवा भाजपा नेता की पकड़ मजबूत है। इससे बुजुर्ग नेताओं में घबराहट है। 2024 का लोकसभा चुनाव भी मोदी योगी लहर पर सवार होकर ही लड़ा जाएगा। ऐसे हालात में सांसदों की जाति या छवि के खास मायने नहीं है।

संघ के दिग्गज नेता की बढ़ी परिक्रमा, करवा चुके हैं संघ के एक नेता की छुट्टी

एक दिग्गज नेता संघ के ही एक बड़े नेता की बरेली से छुट्टी करवा चुके हैं। इसके बाद अब मंडल की राजनीति संघ के इन्हीं दिग्गज नेता के इर्द गिर्द है। भाजपा के मंत्री और विधायकों से लेकर अफसरों तक में संघ के दिग्गज नेता की दखलंदाजी के चर्चे लखनऊ से लेकर दिल्ली तक मशहूर हैं। संघ के नेता की बरेली में भी खासी पैठ है। सत्ता तक मजबूत पहुंच और राजनीति में खासी दिलचस्पी की वजह से वह सबसे ज्यादा चर्चा हैं। संघ और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच भी उनकी मजबूत पकड़ है। कुशल संगठन शिल्पी होने के साथ ही वह राजनीति के माहिर खिलाड़ी और कुशल दृष्टा भी हैं। इस वजह से माना जा रहा है कि बरेली मंडल में लोकसभा के प्रत्याशी चयन में उनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी। बहरहाल आजकल वह अपने एक चहेते अफसर को अच्छी पोस्टिंग दिलाने की कोशिश में हैं।

बरेली की राजनीति के इस जमीनी नेता पर भी टिकी हैं कई की निगाहें

बरेली के भगवा खेमे का दूसरा गुट विपक्ष जमीनी नेता को अपने खेमें में लाने की जुगत में लगा है। विपक्ष के ये कद्दावर नेता पूर्व में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। मोदी लहर में उनको पराजय का मुंह देखना पड़ा। पिछले लोकसभा चुनाव में उनको 3.97 लाख से अधिक वोट मिले थे। वह सजातीय भी हैं। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में पुराने बुजुर्गों को किनारे करके 40 फीसदी युवाओं को मौका देने की तैयारी में है। इसके लिए पार्टी में अंदरूनी तौर पर सर्वे भी चल रहा है। उसमें वर्तमान सांसदों की खराब रिपोर्ट भी हाईकमान तक पहुंची है।

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