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राजमहलों को मात देते वीआईपी कैम्प बढ़ाएंगे महाकुम्भ की शोभा, जानिए क्या है तैयारी



-7 अखाड़ों का घेरा तैयार, 9 थाने और 5 चौकियों का काम अंतिम चरण में

 -100 फीट लम्बे प्रवेश द्वार करेंगे पर्यटकों को भाव विभोर 

प्रयागराज । महाकुम्भ को लेकर योगी सरकार के निर्देश पर देश दुनिया के संतों और श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज में अभूतपूर्व इंतजाम किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री की मंशानुरूप जैसे-जैसे महाकुम्भ की पवित्र घड़ी नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे मेला अपना आकार लेता जा रहा है। मेला क्षेत्र में 7 अखाड़ों का घेरा बनाकर तैयार किया जा चुका है। साथ ही 9 थाने और 5 चौकियों के निर्माण का काम अपने अंतिम चरण में है।

इसके अलावा 9 ऐसे वीआईपी कैम्प भी बनाए जा रहे हैं, जो बड़े-बड़े राजमहलों को मात दे दें। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ये कैम्प आकर्षण का केंद्र होंगे। इनमें 14/28 फीट के आकर्षक कमरे बनाए जा रहे हैं, जिनमें जरूरत के हर इंतजाम मौजूद रहेंगे।

100 फीट लम्बे प्रवेश द्वार बनाए जाने की योजनाराज्य सरकार के प्रवक्ता कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को सांस्कृतिक दृष्टि से अविस्मरणीय बनाया जाए। योगी के निर्देश पर अफसर रात दिन मौके पर खुद खड़े होकर काम करवाते देखे जा सकते हैं। सबसे खास बात ये है कि श्रद्धालुओं को मेले के प्रवेश द्वार पर ही अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे। यहां जगह-जगह 100 फीट लंबे प्रवेश द्वार बनाए जाने की योजना है, जो अपनी सांस्कृतिक विरासत का जीवंत दृश्य प्रस्तुत करेंगे।

 

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इसके साथ ही वीआईपी कैम्प को महाराजा टेंट की स्टाइल में बनाया जा रहा है, जो पर्यटकों के लिए अच्छा खासा आकर्षण बनने जा रहा है। अरैल में काम सबसे तेज गति से चल रहा है। इसके अलावा सर्किट हाउस के काम ने भी गति पकड़ ली है। यहां तीन थाने अरैल में बनाए जा चुके हैं। झूंसी की पुलिस लाइन का भी काम दिन रात चल रहा है। बहुत जल्द इनका काम पूरा होते ही समुद्रकूप से लेकर साधु कुटी तक विभिन्न सेक्टरों में मेला क्षेत्र जगमगा उठेगा।

स्टील के फ्रेम और लोहे की पाइप से बनाया जा रहा है मजबूत कैम्प देश विदेश से आने वाले संतों और श्रद्धालुओं के लिए कैम्प बनाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। यहां जो कैम्प बनाए जा रहे हैं, उनमें स्टील के फ्रेम और लोहे की पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है। पूरा फोकस कैंप की आज सज्जा के साथ ही इसके बेस को मजबूत बनाने पर है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

 

 

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