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यूपी चुनाव : मेरठ में 20 साल बाद जीता रालोद का विधायक, पढ़िए पूरी खबर

मेरठ । 2022 में अपना सियासी अस्तित्व बचाने वाले राष्ट्रीय लोकदल का मेरठ में भी 20 साल बाद सियासी वनवास खत्म हुआ। 2002 के बाद मेरठ जनपद में पहली बार रालोद का विधायक चुना गया। हालांकि सपा नेता गुलाम मोहम्मद ने रालोद के सिंबल पर जीत हासिल की है।

कभी मेरठ जनपद रालोद का गढ़ माना जाता था, लेकिन लम्बे समय तक मेरठ की जनता ने रालोद को सियासी बियाबान में भेजा हुआ था। 2002 में मेरठ से एकमात्र रालोद विधायक के चुनाव जीतने के बाद से रालोद को मेरठ जनपद में जीत का इंतजार था। इसके बाद हुए प्रत्येक चुनाव में रालोद नेता अपनी जीत का इंतजार ही करते रहे। 2002 में रालोद के रणवीर राणा को जनता ने सिवालखास सुरक्षित सीट से विधायक चुना था।

2007, 2012 और 2017 के चुनावों में मेरठ जनपद से रालोद का कोई प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाया। मेरठ शहर, मेरठ कैंट, हस्तिनापुर, सरधना, सिवालखास, खरखौदा (2012 में मेरठ दक्षिण बनी), किठौर में भी रालोद प्रत्याशी पिछड़े रहे। 2007 में केवल सिवालखास सीट पर ही रालोद प्रत्याशी नरेंद्र खजूरी ही चुनाव भिड़ंत में जगह बना सके। अन्य सीटों पर रालोद प्रत्याशी बहुत पीछे रहे। 2012 में सिवालखास सीट के सामान्य होने पर रालोद के यशवीर सिंह 55 हजार 265 वोट हासिल करके दूसरे स्थान पर रहे। किठौर से रालोद प्रत्याशी सत्यवीर त्यागी को भी केवल 34 हजार 791 वोट ही मिल पाए। सरधना से रालोद प्रत्याशी याकूब कुरैशी को 50 हजार 164 वोट मिले। मेरठ दक्षिण सीट से रालोद प्रत्याशी मंजूर सैफी भी केवल 25 हजार 150 वोट पा सके। 2017 में भी सिवालखास सीट से रालोद प्रत्याशी यशवीर सिंह को मात्र 44 हजार 710 वोट ही हासिल हो पाए। अन्य सीटों पर रालोद प्रत्याशी चुनावी लड़ाई में बहुत पीछे रहकर अपनी जमानत जब्त करवा बैठे।

2022 के विधानसभा चुनाव में रालोद और सपा गठबंधन एक-दूसरे के लिए संजीवनी बन गया। रालोद और सपा गठबंधन ने मेरठ जनपद की 04 सीटों पर जीत हासिल की। इस तरह से रालोद ने 20 साल बाद मेरठ जनपद में अपना सियासी सूखा खत्म किया। मेरठ की सिवालखास सीट पर रालोद ने सपा नेता गुलाम मोहम्मद को अपने सिंबल पर चुनाव मैदान में उतारा है। गुलाम मोहम्मद इससे पहले 2012 में सपा के टिकट पर सिवालखास से विधायक चुने गए थे।

इस बार रालोद प्रत्याशी गुलाम मोहम्मद ने भाजपा के मनिंदर पाल सिंह को 09 हजार 495 वोटों से हराकर जीत हासिल की। रालोद प्रत्याशी को 01 लाख 01 हजार 05 वोट हासिल किए तो भाजपा प्रत्याशी को 91 हजार 510 वोट मिले।

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