उत्तर प्रदेश में 2024 के लिए नए सियासी समीकरण बनाने की कवायद अचानक से तेज हो गई है. एक तरफ बीजेपी का नेतृत्व यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत मिलने का दावा कर रहा है, तो वहीं समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party news) खेमा नए तरह के राजनीतिक समीकरणों के सहारे 2024 में पलटवार की कोशिशों में जुटा है. सपा की तरफ से पड़ोसी राज्य बिहार में बदली हुई सियासी हवा के इस्तेमाल की भी पूरी कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में लखनऊ में एक नया पोस्टर भी देखने को मिला है, जो यूपी और बिहार के बीच पकती नई सियासी खिचड़ी की ओर इशारा कर रहा है.
समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर एक पोस्टर लगाया गया है. इस पोस्टर में नीतीश और अखिलेश (Akhilesh Yadav news) की तस्वीर है और एक राजनीतिक समीकरण पर भी लिखा गया है. पोस्टर में ‘यूपी + बिहार = गयी मोदी सरकार’ समीकरण से 2024 की राजनीति के लिए नए चुनावी संकेत देने की कोशिश की गई है. आपको बता दें कि यह पोस्टर समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह की तरफ से लगाया गया है.
यूपी की सियासत में नीतीश के चेहरे के क्या मायने?
असल में पिछले दिनों यूपी के पड़ोसी राज्य बिहार में जदयू ने बीजेपी का साथ छोड़ राजद के साथ मिलकर सरकार बना ली. इसके बाद नीतीश कुमार देशव्यापी स्तर पर बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की कोशिशों में जुट गए हैं. इसी क्रम में पिछले दिनों नीतीश ने दिल्ली में मुलायम सिंह का हाल जाना और अखिलेश से भी मुलाकात की. यह मुलाकात सियासी रही और नीतीश ने यहां तक कह दिया कि आगे भी यूपी का नेतृत्व अखिलेश ही करेंगे.
यूपी में समाजवादी पार्टी की सियासत को सफलता हासिल करने के लिए गैर यादव ओबीसी वोटों की सख्त जरूरत है. अभी मुस्लिम यादव यानी MY समीकरण मजबूत होने के बावजूद सपा को गैर यादव ओबीसी वोटों में उतनी सफलता मिलती नहीं दिख रही, जो विनिंग फैक्टर बन जाए. ऐसे में नीतीश का साथ अन्य पिछड़ी जातियों (खासकर कुर्मी, कोइरी) को सपा के पक्ष में लामबंद करने में उपयोगी साबित हो सकता है.